सूरजपुर जिले के लटोरी चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत करवां पडक़ीपारा निवासी प्रेमलाल राजवाड़े अपने 2 माह के पुत्र वासु की तबियत बिगडऩे पर मंगलवार की शाम शिशु रोग विशेष डॉ. केके ताम्रकार के निवासी लेकर पहुंचे थे। बच्चे की स्थिति गंभीर होने पर डॉ. ताम्रकर ने उसे तत्काल ऑक्सीजन की आवश्यकता बताते हुए जिला अस्पताल सूरजपुर या अंबिकापुर ले जाने की सलाह दी।
नवजात बच्चे को लेकर परिजन तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिश्रामपुर पहुंचे। यहां ड्यूटी में उपस्थित आरएमए सुमन लकड़ा से ऑक्सीजन सिलेंडर देने की बात कही। परिजन का आरोप है कि आरएमए ने उन्हें अस्पताल में केवल एक ऑक्सीजन सिलेंडर ही होने की बात कही।
इसके बाद परिजन बिना ऑक्सीजन लगाए ही बच्चे को लेकर जिला अस्पताल सूरजपुर ले गए, जहां नवजात शिशु की मौत हो गई। घटना के बाद परिजन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिश्रामपुर के आरएमए सुमन लकड़ा पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
आरएमए के निलंबन की अनुशंसा
हंगामे की जानकारी मिलते ही बाद में भाजपा के दोनों विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी भूलन सिंह मरावी व लक्ष्मी राजवाड़े भी जिला अस्पताल सूरजपुर में पहुंचकर धरने पर बैठ गए।
काफी देर तक चले हंगामा के बाद ड्यूटीरत आरएमए सुमन लकड़ा को बिश्रामपुर अस्पताल से हटाने व उनके निलंबन की अनुशंसा शासन को करने का आश्वासन सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह द्वारा दिया गया, तब जाकर मामले का पटाक्षेप हो सका।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को बिश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दोपहर दो बजे से तीन चिकित्सक की ड्यूटी थी, जिसमें आरएमए सुमन लकड़ा, आशीष श्रीवास्तव, आयुष चिकित्सक सीपी मिश्रा ड्यूटी में थे।
‘लापरवाही क्यों हुई, इसकी होगी जांच’
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिश्रामपुर प्रभारी व सूरजपुर बीएमओ डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध था तो लापरवाही क्यों की गई, इसकी जांच शुरू कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन व एम्बुलेंस बिश्रामपुर अस्पताल में चौबीस घण्टे उपलब्ध है। बावजूद इसके लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ड्यूटीरत आरएमए सुमन लकड़ा को यहां से हटाकर उनके निलंबन के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
साथ ही सीएमएचओ डॉण् आरएस सिंह ने जिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएसआर सरुता व अजय मरकाम के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित कर दी है जो मामले की जांच के बाद सीएमएचओ को रिपोर्ट सौंपेंगे।
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आरएमए ने ये कहा
इस मामले में आरएमए सुमन लकड़ा का कहना है कि बच्चे के परिजन जब अस्पताल में लेकर आए तब उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर निजी वाहन में ले जाने की बात कहने लगे, तब मैंने कहा कि तत्काल एंबुलेंस को बुला दे रही हूं। परिजन नहीं माने और जिद्द की वजह से बच्चे को जबरन लेकर बिना ऑक्सीजन के ही चले गए।