Police trap: राजस्थान में वेश बदलकर पुलिसकर्मी बने कंबल विक्रेता और ठेला चालक, तब पकड़े गए चिटफंड के 4 डायरेक्टर
Police trap: पुलिस टीम ने राजस्थान के भीलवाड़ा में 4 दिन कैंप कर चिटफंड कंपनी के चार डायरेक्टरों को धर दबोचा, राशि 2 से 3 गुना करने का झांसा देकर 29 निवेशकों से ठगे थे 17 लाख 28 हजार रुपए
बिश्रामपुर. सूरजपुर जिले की बिश्रामपुर पुलिस टीम (Police trap) ने राजस्थान के भीलवाड़ा में लगातजार चार दिन तक कैम्प कर चिटफंड कंपनी (Chit fund company) के 4 डायरेक्टरों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम के सदस्य वहां वेश बदलकर सूझबूझ का परिचय देते हुए मजदूर, कंबल विक्रेता तो कभी ठेला चलाकर आरोपियों की ठिकानों की रेकी करते रहे, तब जाकर ये सफलता मिली। इस उल्लेखनीय कार्रवाई पर एसएसपी ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
अप्रैल 2023 में एसडीएम सूरजपुर द्वारा अभिपवा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भीलवाड़ा राजस्थान द्वारा सूरजपुर जिले के 29 निवेशकों को 2-3 गुना अधिक राशि देने का प्रलोभन देकर 17 लाख 28 हजार 366 रुपए की ठगी किए जाने संबंधी प्रतिवेदन कलेक्टर के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को भेजा गया।
इस पर उन्होंने थाना विश्रामपुर पुलिस (Police trap) को सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध करने हेतु निर्देशित किया। इस पर थाना बिश्रामपुर में 28 अगस्त 2023 को आरोपी कपिल जैन, महेश कुमार सेन निवासी भीलवाड़ा राजस्थान एवं अन्य के विरूद्ध धारा 420, 34, ईनामी चिटफंड धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) की धारा 4, 5, 6 एवं छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
अभी इस मामले को एसएसपी प्रशांत ठाकुर ने गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर भीलवाड़ा राजस्थान के लिए रवाना किया।
पुलिस टीम द्वारा भीलवाड़ा राजस्थान में लगातार 4 दिनों तक कभी वहां का रहवासी-मजदूर बनकर तो कभी कम्बल बेचने एवं ठेला चलाकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई। आरोपियों के प्रकरण में संलिप्तता की पुख्ता जानकारी के आधार पर भीलवाड़ा में दबिश देकर चिटफंड कंपनी (Police trap) के 4 आरोपी डायरेक्टरों को पकड़ा गया और पूछताछ की।
इनमें 2 आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी की गई रकम को खर्च कर देना एवं 2 अन्य आरोपियों द्वारा ठगी की रकम से एसयूवी कार खरीदने की बात कबूली। इस पर आरोपी दिनेन्द्र दधीच के कब्जे से एसयूवी 700 क्रमांक आरजे 06 यूसी 6669 जब्त कर न्यायालय भीलवाड़ा से चारों आरोपियों का ट्रान्जिट रिमाण्ड प्राप्त कर थाना विश्रामपुर लाया गया।
आरोपियों (Chitfund directors) ने पूछताछ पर बताया कि अनंत दधीच का साला सुनील ब्यास के साथ दिनेन्द्र दधीच, कपिल जैन, महेश कुमार सेन व अन्य लोगों द्वारा मिलकर वर्ष 2013 में अभिपवा प्रोडुसर कंपनी लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी बनाए। इसमें इन चारों के अलावा अन्य व्यक्ति भी डायरेक्टर थे।
इन्होंने करीब 29 लोगों से 17 लाख 28 हजार 366 रुपए एक वर्ष बाद तीन गुना करने का झांसा देकर राशि जमा कराकर और बाउण्ड पेपर देकर धोखाधड़ी कर कंपनी (Police trap) बंद कर दी। प्रकरण में एक आरोपी सुनील ब्यास की मृत्यु हो गई है। मामले में पुलिस टीम आगे की विवेचना में लगी हुई है।