गौरतलब है कि 14 मई की देर शाम सूरजपुर एसपी रामकृष्ण साहू ने एक स्थानांतरण आदेश जारी कर 3 निरीक्षक, 10 उप निरीक्षक व 8 सहायक उप निरीक्षक का तबादला आदेश जारी किया था। स्थानांतरण आदेश जारी होते ही जहां एक ओर पुलिस महकमे में खलबली मच गई, वहीं दूसरी ओर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं।
जिले के नवपदस्थ एसपी ने कई थाना प्रभारियों समेत पुलिस अधिकारियों का तबादला आदेश निकाल स्थानांतरित जगहों पर पहुंच तत्काल आमद देने के निर्देश जारी किए थे। आदेश के बाद कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा तो आमद भी दे देने की खबर है। वहीं प्रशासनिक दृष्टिकोण को ध्यान में रख जारी किया गया तबादला आदेश जिले के विधायकों को इतना नागवार गुजरा कि पुलिस अधीक्षक को उनकी नाराजगी की शिकार होना पड़ा।
सूत्रों की मानें तो बताया तो यहां तक जा रहा है कि इस मसले पर दोनों विधायकों ने पुलिस अधीक्षक को सर्किट हाउस में तलब भी किया था। विधायकों के ऐसे तेवर को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है।
विधायकों ने तबादला आदेश रोकने के दिए निर्देश
एसपी रामकृष्ण साहू द्वारा जारी 21 पुलिस अधिकारियों की तबादला सूची में 5 थाना प्रभारी और 6 चौकी प्रभारी भी शामिल थे। प्रभावित थाना व चौकी प्रभारी अधिकांश प्रेमनगर व भटगांव विधानसभा क्षेत्र के बताए जा रहे हंै। वहीं विधायकों ने पुलिस अधीक्षक को तबादला आदेश रोकने को कह दिया है।
इधर विधायकों के बोलने के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा लिखित रूप से सूची को निरस्त करने की खबर तो नही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो मौखिक रूप से संबंधितों को अपने कार्यस्थल पर ही बने रहने के निर्देश की चर्चा जोरों पर है। इससे पूर्व भी पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा स्थानांतरण आदेश जारी किया गया था जिसे संशोधित करना पड़ा था। बहरहाल आगे जो भी हो किंतु इस स्थानांतरण आदेश को लेकर शहर में चर्चा का बाजार गर्म है।
भटगांव विधायक ये बोले
भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े ने पत्रकारों को बताया कि अभी जिले में दूसरे जिले से निरीक्षकों के तबादला इस जिले के लिए हुआ हैं। इनकी ज्वाइनिंग अभी जिले में नही हुई है। ऐसे में वर्तमान में कोई तबादला करना सही नही है। निरीक्षकों की ज्वाइनिंग के बाद तबादला आदेश जारी करने को कहा गया है।
तब तक यथा स्थिति बनाए रखने को कहा गया है। विधायक ने कहा कि विभाग में जो अच्छा काम कर रहा है, उसको अवसर व अच्छी जगह मिलनी चाहिए। प्रभारी ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ जनता की सुनवाई अच्छे से करे, ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी को भी प्रभारी बना दिया जाए।