ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह भटगांव के आंगनबाड़ी ईंट भ_ा के समीप बने पानी बोरवेल के पास में करीब 5 फीट चौड़ा और 20 फीट गहरा गड्ढा देखा। ठीक इसके नीचे भूमिगत खदान होने की वजह से बड़ी आबादी को नुकसान की आशंका ग्रामीणों को थी। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि रात में आवाज सुनाई दी थी।
मौके पर खदान के मैनेजर एच पॉल पहुंचे। नाराज ग्रामीण एसईसीएल के अफसरों को घेर कर हाथापाई पर उतारू हो गए। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने समझाइश देकर मामला शांत किया। इससे पहले भी भटगांव के भटगांव भूमिगत कोयला खदान के ऊपरी हिस्से की जमीन धसकने की घटना साल भर के भीतर कई बार हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि यहां खदान के कुछ हिस्से में डिपिल्लरिंग (पिलर गिराने) का काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया की वजह से धसान की घटनाएं हुई।
5 मीटर दूर बनी है आंगनबाड़ी
नगर पंचायत भटगांव अंतर्गत 15 वार्ड समाहित हैं। इन नगर में रहने वाले लोगों के लिए शासन की योजना के तहत आंगनबाड़ी का निर्माण किया गया है। घटना स्थल से लगभग 5 मीटर की दूर ही आंगनबाड़ी बनाया गया है। मंगलवार को कर्मा त्योहार की वजह से बच्चे नहीं आए थे।
5 मीटर दूर बनी है आंगनबाड़ी
नगर पंचायत भटगांव अंतर्गत 15 वार्ड समाहित हैं। इन नगर में रहने वाले लोगों के लिए शासन की योजना के तहत आंगनबाड़ी का निर्माण किया गया है। घटना स्थल से लगभग 5 मीटर की दूर ही आंगनबाड़ी बनाया गया है। मंगलवार को कर्मा त्योहार की वजह से बच्चे नहीं आए थे।
अगर छुट्टी नहीं होती तो भू धसान की वजह से अनहोनी हो सकती थी। वहीं दोपहर बाद एसईसीएल कर्मियों ने गड्ढे को चारों तरफ से तार लगाकर घेर दिया। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में गड्ढे में मिट्टी डाल टीलानुमा बना दिया जाएगा। समय-समय पर कर्मचारी स्थल का जायजा भी लेंगे, ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो।
पहले भी हो चुकी है जमीन धंसने की घटना
स्थानीय लोगों ने बताया कि एसईसीएल की लापरवाही की वजह से पहले भी गांव में घटना हो चुकी है। वे दहशत में जीवनयापन कर रहे हैं। हमारी मांग है कि एसईसीएल (SECL) अपनी खदान बंद करे अथवा पूरे ईंट भ_ा की जमीन अधिग्रहित करे और नौकरी व मुआवजा प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।