व्यापारी ने पुलिस को बताया कि घर के सामने गुरुवार की देर रात महिला-पुरुष झगड़ रहे थे। आवाज सुनकर वह निकला और समझाने की कोशिश की तो वे दोनों भाग गए। इसी बीच 2 व्यक्ति उसके घर में घुस गए और चाकू अड़ाकर वारदात को अंजाम दे दिया। घटना सुनकर पुलिस के होश उड़ गए। इसकी सूचना तत्काल आला अधिकारियों दी गई।
देखते ही देखते पूरा पुलिस महकमा व्यापारी के घर पहुंचकर जांच करने लगा। फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचे। जब सीसीटीवी की जांच की गई तो कोई ऐसा क्लू नहीं मिला जिससे लगे कि घटना हुई है।
व्यापारी के पुत्र ने बताई सच्चाई
इधर कोतवाली पुलिस नरेश अग्रवाल व उसके बेटे अंकित अग्रवाल को थाने में बैठा कर घटना के संबंध में बारीकी से समझने लगी। इसी बीच पुत्र टूट गया और बताया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है बल्कि कर्ज से बचने के लिए यह षडयंत्र रचा गया है। बाद में पिता ने भी इसकी पुष्टि की। इसके बाद मामले का पटाक्षेप हुआ और पुलिस ने भी राहत की सांस ली।
कर्ज चुकाने बेच दिए थे कुछ गहने
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शोभराज अग्रवाल के अनुसार व्यापारी ने पूछताछ में बताया कि व्यापार में घाटा होने से वह 15 लाख के कर्ज में डूबा हुआ है। उसकी बेटी की शादी 8-9 साल पूर्व खरसिया में हुई है। उसके 12 लाख रुपए के गहने मायके में ही रखे हुए थे जिसमें से कुछ जेवरात उसने बेचकर कुछ कर्ज चुकाया था।
बेटी गहने वापस लेने आने वाली थी और नरेश देने की स्थिति में नहीं था। इसी से बचने के लिए उसने लूट के वारदात की झूठी कहानी रची थी। एएसपी ने बताया कि झूठी रिपोर्ट लिखाने का मामला पिता-पुत्र पर दर्ज किया जाएगा।