आवेदन में उल्लेख किया गया है कि लटोरी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत गणेशपुर में स्थित भूमि खसरा नंबर 355, 356/1 रकबा 0.18 व 0.15 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री (Fake land registry) 23 दिसंबर 2024 को कराई गई। इसमें विक्रेता कृष्ण देव पिता उचित लाल वैश्य गणेशपुर निवासी द्वारा क्रेता साधन वैद्य पिता नरेश वैद्य निवासी सिलफिली के नाम सूरजपुर पंजीयक कार्यालय से जमीन रजिस्ट्री की गई है।
इसी तरह ग्राम पंचायत गणेशपुर में स्थित खसरा नंबर 350/1 में से रकबा 0.52 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री भी 23 दिसंबर 2024 को ही विक्रेता कृष्ण देव पिता उचित लाल वैश्य द्वारा क्रेता सौरभ तिवारी पिता श्रीकांत तिवारी निवासी सिलफिली व
ग्राम पंचायत गणेशपुर में स्थित खसरा नंबर 350.2 में से रकबा 0.28 हेक्टेयर भूमि के विक्रेता कृष्ण देव पिता उचित लाल वैश्य द्वारा क्रेता सौरभ तिवारी पिता श्रीकांत तिवारी के नाम फर्जी दस्तावेज में लटोरी तहसीलदार सुरेंद्र कुमार पैकरा व हल्का नंबर 21 के तत्कालीन पटवारी संतोष कुमार भानिया का फर्जी हस्ताक्षर (Fake land registry) कर रजिस्ट्री करा ली गई है।
भूमि बिक्री प्रतिवेदन की चौहद्दी की लिखावट अलग
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि कूटरचित फर्जी रजिस्ट्री (Fake land registry) का जब अवलोकन किया गया तब पाया गया कि हल्का पटवारी के भूमि बिक्री प्रतिवेदन चौहद्दी में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपने राइटिंग में लिखा गया है। वहीं ग्राम पंचायत गणेशपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 355, 356/1, रकबा 0.18, 0.15 हेक्टेयर भूमि का वर्तमान बी वन एवं रिनंबरिंग सूची के मिलान में पाया गया कि उक्त भूमि शासन से पट्टे पर प्राप्त है, जिसकी खरीद-बिक्री के पूर्व सक्षम अधिकारी की अनुमति ली जाती है। तीनों विक्रय पत्र की 23 दिसंबर 2024 को उप पंजीयक कार्यालय सूरजपुर में रजिस्ट्री कराया गया है।
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आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
मामले (Fake land registry) में ग्राम पंचायत गणेशपुर निवासी कृष्ण देव पिता उचित लाल वैश्य, सिलफिली निवासी सौरभ तिवारी पिता श्रीकांत तिवारी, ग्राम पंचायत मदनपुर निवासी राकेश कुमार मिस्त्री पिता कमलचंद मिस्त्री, दस्तावेज लेखक राजेश कुमार व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की बात कही। इस मामले में जयनगर पुलिस ने आरोपी कृष्ण देव, सौरभ तिवारी, राकेश कुमार, राजेश कुमार व अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2)(5) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
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Fake land registry: आदिवासी की भूमि को बनाया सामान्य
बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े (Fake land registry) में जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं, उसमें गणेशपुर निवासी लम्बी पिता दसई उरांव आदिवासी के रिकॉर्ड को फर्जी तरीके से सुदामा सिंह पिता जीवन सिंह के नाम का रिकॉर्ड प्रस्तुत किया गया है। लटोरी तहसीलदार ने बताया कि विक्रेता कृष्ण देव पिता उचित लाल द्वारा स्टाम्प मुद्रण कराते समय उक्त भूमि को सेटलमेंट की भूमि होने का उल्लेख किया गया है। मामले में आदिवासी की भूमि को सामान्य भूमि दर्शा कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण कराई गई है।
आईडी से हुआ फर्जी रजिस्ट्री का खुलासा
बताया जा रहा है कि कथित रूप से उक्त फर्जी रजिस्ट्री (Fake land registry) का खुलासा लटोरी तहसीलदार की आईडी से हुआ। जब उप पंजीयक कार्यालय में किसी भूमि की रजिस्ट्री होती है तब उक्त दस्तावेज हल्का पटवारी व तहसीलदार की आईडी में ट्रांसफर होते हैं। इसी तरह जब उक्त फर्जी हस्ताक्षर किए हुए दस्तावेज के आधार पर रजिस्ट्री हुई, तब लटोरी तहसीलदार के आईडी में दस्तावेज के आने से उक्त मामले का खुलासा हो सका।
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उप पंजीयक की भूमिका भी संदिग्ध
फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर की गई रजिस्ट्री (Fake land registry) में उप पंजीयक सूरजपुर की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। जब फर्जी रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण कराई गई थी, इस दौरान सभी पटवारियों की हड़ताल भी चल रही थी। पटवारियों का कहना है कि जब प्रतिदिन उप पंजीयक द्वारा लटोरी तहसीलदार के हस्ताक्षर के कई चौहद्दी देखे जा रहे हैं तो उक्त दस्तावेज में जो फर्जी हस्ताक्षर किए गए, उस पर सवाल क्यों नई उठाया गया? मामले में निष्पक्ष जांच होने पर वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सकेगी।