सूरजपुर जिले के रामानुजनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत तारा खंड के दो कंपार्टमेंट में 11 हाथियों का दल इन दिनों विचरण कर रहा है। इधर तारा जंगल में ही ग्राम अभयपुर निवासी मनबोध गोंड़ धार्मिक स्थल बनाकर पूजा-पाठ करने के अलावा वहीं रहता था। हाथियों के जंगल में आने की सूचना पर उसके घरवाले उसे घर लाने पहुंचे लेकिन उसने मना कर दिया। इधर वन विभाग की टीम ने भी उसे वहां से हटने कहा लेकिन वह नहीं माना।
उसने कहा कि हाथी गणेश देवता हैं, वह नहीं हटेगा। इसी बीच शनिवार की रात हाथियों ने उसे पटककर मार डाला, जबकि उसके साथ रहे अभयपुर के पटेलपारा निवासी सुखसाय ने भागकर अपनी जान बचाई। हाथियों ने मृतक के शव को कई टुकड़ों में कर दिया था। इधर हाथियों का दल यहां से रात करीब 2 बजे जर्नादनपुर पहुंचा।
यहां जंगल किनारे घर बनाकर रह रहे एक ग्रामीण का घर तोडऩे लगे। इसी बीच वहां रह रही 70 वर्षीय रायमति गोंड़ भागने के दौरान हाथियों के सामने आ गई। इसके बाद हाथियों ने उसे भी कुचलकर मार डाला। जबकि उसके अन्य परिजन वहां से भाग निकले।
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मृतक के परिजनों को दी गई सहायता राशि
हाथियों द्वारा 2 बुजुर्गों को मार डालने की सूचना पर प्रेमनगर पुलिस व वन विभाग की टीम ने शवों को बरामद किया। रामानुजनगर फॉरेस्ट रेंजर रामचंद्र प्रजापति ने मृतकों के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25-25 हजार रुपए प्रदान किए।
ग्रामीणों को जंगल में न जाने की दी गई समझाइश
वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की समझाइश दी जा रही है। ग्राम अभयपुर, कांटारोली व जनार्दनपुर के साथ आस-पास के गांव में मुनादी शुरु करा दी गई है। मैदानी वन कर्मचारियों को हाथियों की निगरानी में लगा दिया गया है। वर्तमान में हाथियों का दल ग्राम जनार्दनपुर व कांटारोली के बीच जंगल में डटा हुआ है।