एसईसीएल विश्रामपुर ने कुम्दा बस्ती, बलरामपुर सहित समीपस्थ ग्रामों के कई भू-स्वामियों की भूमि अधिग्रहित कर कोयला का उत्खनन कर लिया। अब कोयला उत्खनन (Coal diging) के बाद कई क्वारियों को खुला छोड़ दिया गया। अब इन क्वारियों में अथाह जल संग्रहित है। ग्रामीण लंबे समय से जिला प्रशासन व एसईसीएल प्रबंधन से पेयजल एवं सिंचाई के लिए इन क्वारियों का जल उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग पर पूर्व एसईसीएल विश्रामपुर (SECL Bishrampur) के तत्कालीन महाप्रबंधक को कलक्टर ने 14 अगस्त 2018 को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि सूरजपुर जिला के ग्राम कुम्दा बस्ती में एसईसीएल क्वारी नंबर 8 जो 200 फीट गहरा है जिसमें ग्राउंड लेवल से 60 फीट पर पर्याप्त पानी है और चार-पांच किलोमीटर फैला है, उससे सिंचाई हेतु ग्राम कुम्दा बस्ती में व्यवस्था की जाए परंतु आज 24 माह गुजर जाने के बाद भी एसईसीएल ने इस ओर कोई पहल नहीं की है।
जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कुम्दा बस्ती के ग्रामीणों ने बताया कि जूना तालाब की मरम्मत, वेयर हाउस निर्माण एवं 08 नम्बर क्वारी से सोलर पम्प के माध्यम से जूना तालाब तक पाइप लाइन विस्तार के लिए स्टीमेट तैयार हो चुका है।
स्टीमेट तैयार हुये तकरीबन 24 महीने हो गए हैं, लेकिन एसईसीएल प्रबंधन टालमटोल कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले से कई बार एसईसीएल महाप्रबंधक बिश्रामपुर एवं कलक्टर को अवगत करा चुके है, परन्तु अब तक जिला प्रशासन व एसईसीएल प्रबंधन ने सक्रियता नहीं दिखाई है।
ग्रामीणों की मांगों की अनदेखी
आखिर क्यों ग्रामीणों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों की लंबे समय से मांग के बीच 2 कलक्टरों का स्थानांतरण भी हो गया, पर काम नहीं हुआ। एसईसीएल प्रबंधन (SECL Administration) द्वारा कोयला निकालने के बाद प्रभावित गांव में लोगों के साथ सिर्फ छलावा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को भी मामले से कराया अवगत
गोंडवाना गोंड महासभा के जिलाध्यक्ष विजय सिंह मरपच्ची एवं जिला रजवार संगठन मंत्री शोभनाथ राजवाड़े ने विगत दिनों सूरजपुर प्रवास पर आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से मिलकर ज्ञापन देकर अधूरे कार्य को पूर्ण कराने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य पूर्ण नहीं होने पर दोबारा मिलना। फिर भी एसईसीएल प्रबंधन द्वारा अब इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है।