गौरतलब है कि सूरजपुर कलक्टर रणबीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा के निर्देशन व जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्दबेश सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में बाल विवाह की सूचना मिलते तत्काल कार्यवाही की जा रही हैं।
ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि सूरजपुर जिले के ओडग़ी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम-करौटी बी में 2 नाबालिक लड़कियों का विवाह (Marriage) कराया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया द्वारा संयुक्त टीम को जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में तत्काल मौंके पर भेजा गया।
यहां विवाह स्थल में पहुंचने पर दस्तावेज परीक्षण पर पाया गया कि बालिका की उम्र मात्र 16 वर्ष है। समझाइश देने पर परिजन एवं ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। इस पर सभी को बताया गया कि यह कानूनन अपराध माना जाएगा और जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है। तब बड़ी मशक्कत के बाद परिजन विवाह नहीं करने को राजी हुए।
मौके से लड़के पक्ष से जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बात की तो पता चला कि लड़का भी 20 वर्ष का है। उन्हें भी फोन से समझाइश दी गई एवं बारात नहीं लाने की हिदायत दी गई।
बाल विवाह (Child marriage) रोकने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, पर्यवेक्षक मनीषा निराला, जिला बाल संरक्षण इकाई से सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, सरपंच शीतल पैकरा, चौकी प्रभारी चेन्द्रा आराधना बनौदे, प्रधान आरक्षक अनिल कुमार, आरक्षक रामकुमार सिंह, सुशीला मिश्रा, आउटरिच वर्कर पवन धीवर, चाइल्ड लाइन से राधा यादव एवं अनवरी खातुन सक्रिय रहे।
कोई नहीं मिला घर में
वहीं दूसरे घर में जब संयुक्त टीम गई तो वहां मण्डप उखाड़ दिया गया था और यह पता चल जाने के कारण कि विवाह रूकवाने टीम गांव में आई है। सभी घर छोड़ कर कहीं चले गये थे।
बालिका भी घर पर नहीं थी। बहुत प्रयास करने के बाद भी कोई घर पर नहीं आया। मौके पर उपस्थित सरपंच को बालिका एवं उनके परिजन को सूरजपुर भेजने की समझाइश दी गई।