ग्रामीणों से मिली जानकारी व नाविक ने बताया कि वे दोनों सतपता बिश्रामपुर जा रहे थे और बीच मझधार में ही नाव पलट गई। इसकी सूचना पर हरकत में आए पुलिस व प्रशासनिक अमले द्वारा आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से खोजबीन प्रारंभ की और जब किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली तो सरगुजा व सूरजपुर से गोताखोरों के दल के साथ रेस्क्यू टीम को बुलाया गया।
इसमें सूरजपुर के 10 प्रशिक्षित गोताखोर नगर सैनिक व अम्बिकापुर की एसडीआरएफ के 5 सदस्यों की टीम घटना स्थल पहुंची। काफी मशक्कत और दूर तक खोजबीन के बाद भी बुधवार को टीम को कोई मदद नहीं मिल पाई और अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू कार्य बंद कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि सुबह फिर ऑक्सीजन सिलेण्डर लेकर गोताखोरों के माध्यम से एक बार खोजबीन अभियान पुन: शुरु किया जाएगा। वहीं यह जानकारी लगी कि जिस जगह नाव पलटी थी, वहां पानी काफी गहरा भी है। हरिहरपुर पंचायत के उक्त आश्रित मोहल्ले में इस घटना को लेकर मातम छाया हुआ है।
आने-जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन
जानकारी के अनुसार हरिहरपुर पंचायत के आश्रित मोहल्ले सोहरगड़ई व ठोरठिहाई जाने के लिए महज नदी ही एकमात्र रास्ता है। इसमें लोग नाव से आना-जाना करते हैं, जबकि सडक़ मार्ग से आने के लिए उन्हें 20 किमी चलकर रामेश्वरनगर आना पड़ता हैएतब कहीं जाकर बस इत्यादि के साधन मिल पाते हैं। नाव से गेज नदी में ग्रामीणों की आवाजाही लंबे समय से है और यह जोखिम भरा भी है।