करंजी चौकी अंतर्गत ग्राम दतिमा आमापारा निवासी सुकुल साय राजवाड़े पिता महिपत 48 वर्ष 12 अप्रैल की अलसुबह 3.10 बजे हाईड्रोसिल बीमारी की जड़ी-बूटी लेने के नाम पर घर से बाइक से निकला था। इसी बीच सुबह 6 बजे उसकी गर्दन कटी लाश करंजी-झुमरपारा रेलवे स्टेशन मार्ग पर मिली थी।
सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी सहित फॉरेंसिक व डॉग स्क्वायड की टीम ने मामले की जांच की थी। मृतक के पुत्र विक्रम राजवाड़े 23 वर्ष की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरु की। परिजनों से पूछताछ के बाद पुलिस के शक की सुई बेटे विक्रम पर ही घूमी।
पुलिस ने जब हिरासत में लेकर उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। इसके बाद पुलिस ने उसे रविवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
बेटे की टूट गई थी शादी, इसलिए था नाराज
पुलिस की पूछताछ में आरोपी विक्रम राजवाड़े ने बताया कि वर्ष 2014 में उसके दादा महिपत ने जमीन बेची थी। इस दौरान उसके पिता के नाम 1 लाख रुपए बैंक में फिक्स किए थे।
ये रुपए शादी-ब्याह या अन्य जरूरत के मौकों के लिए थी। उसने बताया कि पिछले साल उसकी शादी तय हुई थी, उस समय जब रुपयों की जरूरत पड़ी तो पिता ने रुपए खत्म होने की बात कही थी, इस वजह से उसकी शादी टूट गई थी। ऐसे में वह पिता से नाराज रहता था।
इस वजह से कर दी पिता की हत्या
आरोपी ने बताया कि इस वर्ष उसके पिता ने जिस लडक़ी से उसकी शादी तय की थी, वह उसे पसंद नहीं थी, इस वजह से उसने शादी से इनकार कर दिया था। इसके बाद भी उसके पिता ने 21 अप्रैल को उसकी शादी की तारीख फिक्स कर दी थी।
आरोपी ने बताया कि इस वर्ष उसके पिता ने जिस लडक़ी से उसकी शादी तय की थी, वह उसे पसंद नहीं थी, इस वजह से उसने शादी से इनकार कर दिया था। इसके बाद भी उसके पिता ने 21 अप्रैल को उसकी शादी की तारीख फिक्स कर दी थी।
इस शादी के लिए जब रुपयों की बात आई तो पिता ने बैंक में रुपए नहीं होने की बात कहकर फिर से जमीन बेचने की बात कही। इस बात को लेकर उसकी पिता से 11 अप्रैल की शाम जमकर विवाद हो गया। इसी दौरान उसने पिता की हत्या का प्लान बना लिया।
इस तरह दिया वारदात को अंजाम
आरोपी ने बताया कि पिता को हाईड्रोसिल की बीमारी थी। 11 अप्रैल की रात उसने पिता से कहा था कि उसके दोस्त के साथ जड़ी-बूटी लेने चलेंगे। वह भी साथ चलेगा। इस बात पर पिता ने कहा था कि सुबह उसे उठा ले। पिता की हत्या करने उसे सूनसान जगह की तलाश थी।
प्लान के अनुसार 12 अप्रैल की अलसुबह उसने पिता के मोबाइल नंबर पर फोन कर चौक के पास बुलाया। पिता 3.10 बजे बाइक से वहां पहुंचा। इसके बाद वह बाइक पर बैठ गया और पिता को रेलवे साइडिंग की ओर चलने कहा। इस बीच उसने करंजी-झुमरपारा रेलवे साइडिंग से पहले पुलिया के पास बाइक रोकने कहा।
पिता ने जैसे ही बाइक रोकी, वह नीचे उतरा और हाथ में रखी कुल्हाड़ी से उसके गर्दन पर प्रहार कर दिया। जब पिता नीचे गिरा तो उसने गर्दन व चेहरे पर ताबड़तोड़ प्रहार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद कुल्हाड़ी को पास के ही खेत के मेड़ पर झाडिय़ों में तथा खून लगे कपड़े व सैंडल उसने गांव के नल के नहानीघर में छिपा दिए थे।
पुलिस ने आरोपी को भेजा जेल
आरोपी के कबूलनामे के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर रविवार को सूरजपुर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पूरी कार्रवाई एएसपी व सीएसपी के मार्गदर्शन में बिश्रामपुर थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा, करंजी चौकी प्रभारी एएसआई अरुण गुप्ता, सायबर सेल प्रभारी एएसआई राकेश यादव, मनोज द्विवेदी, वरुण तिवारी, प्रधान आरक्षक रामनिवास तिवारी, राजकुमार सिंह, विकास सिंह, जयप्रकाश कुजूर,
आरक्षक मितेश मिश्रा, जितेंद्र सिंह, दीपक सिंह, ज्ञानेंद्र प्रसाद, दीपक किस्पोट्टा, लालमन राजवाड़े, जेम्स कुजूर, नारायण पटेल, चंदेश्वर राजवाड़े, युवराज यादव व महिला आरक्षक पूनम सिंह व अनिता राजवाड़े द्वारा की गई।