27 फरवरी 2023 को सूरजपुर जिले के गोवर्धनपुर निवासी सुनील पांडेय ने रेवटी चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 3 व्यक्ति कार से उसके घर में आकर उससे छल पूर्वक 8 लाख 50 हजार रुपए लेकर भाग गए हैं। मामले में पुलिस धारा 420, 120 बी व 34 के तहत अपराध दर्ज किया।
एसपी रामकृष्ण साहू ने धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों की पतासाजी कर पकडऩे तथा साइबर सेल की मदद लेने के निर्देश चौकी प्रभारी रेवटी सुनील सिंह को दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह के मार्गदर्शन में चौकी रेवटी पुलिस द्वारा विवेचना की गई। विवेचना में ज्ञात हुआ कि दिनांक 17 फरवरी 2023 की सुबह प्रार्थी अपने किराने दुकान में बैठा था।
इसी दौरान तीन अज्ञात व्यक्ति स्विफ्ट डिजायर कार से उसके दुकान के पास रूके। किराना दुकान से सामान खरीदने के दौरान प्रार्थी की आरोपियों से बातचीत हुई, तब उनमें से एक व्यक्ति ने अपना नाम आकाश बताते हुए कहा कि वे लोग शेयर करेंसी का काम करते है जिसमें पैसा दोगुना हो जाता है। आस पास के इलाकों में कई लोगों का पैसा दोगुना कर चुके है, आप भी कुछ पैसा लगाकर देख लो आपकी भी रकम दोगुनी हो जाएगी।
प्रार्थी ने उन लोगों की बातों में आकर 10 हजार रुपए दे दिए। इस पर आरोपियों द्वारा बोला गया कि कल तक आपका पैसा दोगुना हो जाएगा। यह कहकर पैसा लेकर चले गए। फिर 18 फरवरी की सुबह प्रार्थी को फोन कर कहा गया कि तुम्हारा पैसा दोगुना हो गया है, उसे ले लो। तब प्रार्थी ने लालच में आकर आरोपियों से 20 हजार रुपए प्राप्त किए। इसके बाद आरोपियों द्वारा प्रार्थी से कहा गया कि इससे भी अधिक पैसे शेयर करेंसी में लगा सकते हैं।
10 लाख लगाने पर 2 से 4 दिन में रुपया दोगुना हो जाएगा, आपके पास जब भी पैसा हो जाएगा तब फोन कर बताना। इसके बाद लगातार आरोपी कई दिनों तक प्रार्थी से फोन पर बात कर कहते रहे कि शेयर ठीक चल रहा है, आप 10 लाख की व्यवस्था कर लो, पैसा दो गुना हो जायेगा। इससे प्रार्थी ने आरोपियों के झांसे में आकर 8 लाख 50 हजार की व्यवस्था कर इसकी जानकारी उन्हें दी।
प्लास्टिक के पैकेट में थमा दी कागज की गड्डियां
27 फरवरी 2023 की सुबह आरोपी प्रार्थी की दुकान पर आए और उससे 8 लाख 50 हजार रुपए लेकर रकम का मिलान किए। इसके बाद प्रार्थी को एक खाखी कलर का प्लास्टिक का बंद पैकेट दिये और बोले कि इसमें 17 लाख रुपए हैं। इसे तुम रख लो हम लोग बाद में आएंगे तो इसमें से 3 लाख हमें दे देना। अभी इस पैकेट को मत खोलना हमारे सामने रुपयों का मिलान करना। प्रार्थी आरोपियों के विश्वास में आकर पैकेट को घर में रख लिया।
लेकिन जब आरोपी काफी देर तक नहीं लौटे तो उसने उनके मोबाइल पर फोन किया, लेकिन लगातार स्विच ऑफ बता रहा था। तब प्रार्थी ने पैकेट को खोलकर देखा तो उसमें सादे कागज के नोट के साइज की गड्डियां थीं। तब प्रार्थी को ठगी का एहसास हुआ और उसने मामले की रिपोर्ट रेवटी चौकी में दर्ज कराई।
इस पूरे मामले में जांच के बाद पुलिस टीम ने मोबाइल दुकान संचालक आरोपी अमरेश मिश्रा पिता मदन मिश्रा उम्र 40 वर्ष निवासी राम लाज के पास सिरगोवर्धनपुर वाराणसी उत्तरप्रदेश एवं राजेश सिंह पिता शिवदुलार सिंह उम्र 34 वर्ष निवासी भगवानपुर थाना लंका बीएचयू वाराणसी उत्तरप्रदेश को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त कार जब्त की गई है। मामले में 2 अन्य आरोपी फरार हैं जिनकी पतासाजी की जा रही है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी खडग़वां विमलेश सिंह चौकी प्रभारी रेवटी सुनील सिंह, एएसआई ज्ञानचंद, आरक्षक महेन्द्र सिंह, अखिलेश पाण्डेय व रौशन सिंह सक्रिय रहे।
दुकान संचालक की इस वजह से हुई गिरफ्तारी
विवेचनाके दौरान पुलिस ने नई तकनीक की मदद ली और पाया कि आरोपियों द्वारा जिस मोबाईल नंबर का उपयोग किया गया है वह जिला चंदौली उत्तरप्रदेश निवासी का है। इसके बाद पूछताछ करने पर उसने बताया कि करीब तीन माह पहले वाराणसी के नगवा में स्थित राज कम्यूनिकेशन मोबाइल दुकान पर जाकर संचालक अमरेश मिश्रा को अपना आधार कार्ड देकर अपने नाम का एयरटेल कंपनी का सिम कार्ड लेने गया था।
तब दुकानदार अमरेश द्वारा उसे कहा गया कि प्रथम बार में तुम्हारा फोटो और आधार कार्ड जो मोबाइल से लिया था, वह फेल हो गया है, दोबारा तुम्हारी फोटो और आधार कार्ड का फोटो लेना पड़ेगा। दुकान संचालक ने धोखे से उसकी दो बार फोटो और आधार कार्ड का फोटो लिया था और उस व्यक्ति को मोबाईल नम्बर चालू कर उसी समय दे दिया था।
जबकि उसी दिन उसी व्यक्ति के आधार कार्ड एवं फोटो पर दूसरा मोबाइल नम्बर चालू कर दुकानदार ने उक्त मोबाइल नम्बर के सिम कार्ड को अपने पास रख लिया, जिसकी जानकारी उस व्यक्ति को नहीं थी। फिर आरोपी दुकान संचालक ने अमरेश मिश्रा उक्त मोबाइल नम्बर के सिम को राजेश सिंह पिता शिवदुलार सिंह उम्र 34 वर्ष निवासी भगवानपुर थाना लंका वाराणसी उत्तरप्रदेश को 15 सौ रुपए में दे दिया था।
दुकान संचालक को पता था कि उस सिम का उपयोग आपराधिक कृत्य में किया जाना है। आरोपी राजेश सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर इसी सिम का उपयोग कर प्रार्थी से फोन पर बात कर उसे ठगी का शिकार बनाया। इसके बाद सिम कार्ड व घटना में इस्तेमाल किये गये मोबाइल को तोडक़र फेंक दिया था।