सुरजपुर

15 साल की बिटिया का चोरी-छिपे कर दिया विवाह, ससुराल में चल रही बकरा पार्टी में पहुंची पुलिस, दर्ज हुई एफआईआर

गांव में गोपनीय ढंग से आई थी बारात, जांच के बाद परिजनों पर दर्ज की गई एफआईआर, टीम द्वारा परिजनों को 18 साल हो जाने के बाद ही बिटिया का विवाह करने की दी गई समझाइश

सुरजपुरApr 25, 2024 / 09:09 pm

rampravesh vishwakarma

सूरजपुर. कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशन में सूरजपुर को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए प्रशासनिक अमला सक्रिय है । अब तक 2024 में जिले में 47 बाल विवाह रोके जा चुके हैं। वहीं ग्राम केंवरा में एक बाल विवाह होने के मामले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 9, 10, 11 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इस मामले में एक 15 वर्षीय किशोरी का परिजन द्वारा बाल विवाह कर दिया गया। गोपनीय ढंग से बारात में दुल्हे सहित 7 लोग बारात में आए और शादी होने के बाद लडक़ी को लेकर ससुराल चले गए। प्रशासनिक टीम ने इस मामले में जांच करने के बाद झिलमिली थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी को ग्रामीणों द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक नाबालिक बालिका का बाल विवाह किया जा रहा है। सूचना पर परियोजना अधिकारी भैयाथान के नेतृत्व में टीम ग्राम केंवरा पहुंची। लडक़ी के घर जांच की गई तो कोई नहीं था। काफी मशक्कत के बाद लडक़ी के परिजन टीम के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने विवाह करने की बात से इनकार कर दिया।
फिर शिकायतकर्ता से बात करने पर पता चला कि विवाह संपन्न हो गया है । दरअसल निर्धारित तिथि के एक दिन पूर्व ही चुप-चाप कुछ लोग बारात में आए थे और विवाह सम्पन्न हो गया। फिर तत्काल एक और संयुक्त टीम लडक़े के घर पहुंची तो पता चला कि वहां बकरे की पार्टी चल रही है, सभी भोजन कर रहे हैं।
पूछताछ में वे विवाह को स्वीकार नहीं कर रहे थे। उन्हें कानून की जानकारी देने पर लडक़े के पिता ने विवाह हो जाने की बात बताई और विवाह दुल्हे के साथ उसके पिता और अन्य 5 लोग चुपचाप तरीके से बारात गए और विवाह रोके जाने के डर से निर्धारित तिथि के एक दिन पूर्व विवाह कर लिए।

यहां पंचनामा और कथन के पश्चात् इसकी जानकारी लडक़ी के घर गई टीम को बताया गया। फिर वहां भी सभी ने विवाह करना स्वीकार किया। यहां टीम ने बालिका के दस्तावेजों की जांच की तो वह मात्र 15 वर्ष 5 माह की ही थी।
मामले में बालिका व उसके पिता का कथन तथा विवाह हो जाने का पंचनामा तैयार किया गया। तत्पश्चात् विवाह हो जाने के कारण बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी मो. इमरान अख्तर ने थाना झिलमिली में सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कराया।अपराध पंजीबद्ध करने के पश्चात विवाह में शामिल होने वाले सभी को अभियुक्त बना कर प्रस्तुत किया जाएगा।
इस कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, परियोजना अधिकारी इमरान अख्तर, परियोजना अधिकारी सिलफिली बेरथा तिर्की, परियोजना अधिकारी सूरजपुर वर्षा अग्रवाल ए भैयाथान बीईओ घनश्याम सिंह, जिला बाल संरक्षण के एलपीओ अमित कुमार भारिया, काउंसलर जैनेन्द्र दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, चाइल्ड लाइन से कार्तिक मजूमदार, शीतल सिंह, जनार्दन यादव, पुलिस थाना झिलमिली एवं चौकी करंजी के पुलिस बल शामिल रहे।

इन दो स्थानों पर संयुक्त टीम ने रोका बाल विवाह

24 अप्रैल को टीम को सूचना मिली कि एक 16 वर्षीय बालिका का विवाह सूरजपुर विकासखण्ड के तेलईकछार में किया जा रहा है। इस पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, तहसीलदार पिलखा आरबी मानिकपुरी, परियोजना अधिकारी बेरथा तिर्की, पर्यवेक्षक सुनिती दुबे, पर्यवेक्षक रामेश्वरी सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई से अंजनी साहू, चाइल्ड लाइन से कार्तिक मजूमदार, जनार्दन यादव व शीतल सिंह मौके पर पहुंचे।
यहां टीम ने जांच में पाया कि बालिका की उम्र 16 वर्ष 6 माह ही हो रही है। टीम द्वारा परिजन को जानकारी दी गई कि विवाह हो जाने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत सभी के ऊपर अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा और कार्यवाही की जायेगी। तब जाकर परिजन विवाह नहीं करने हेतु तैयार हुए और इस आशय का पंचनामा, कथन तैयार किया गया।

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