गौरतलब है कि एक ग्रामीण ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को मोबाइल पर सूचना दी कि एक 12 वर्षीय बालिका का बाल विवाह प्रेमनगर के दूरस्थ ग्राम महेशपुर में सम्पन्न हो रहा है। मण्डप सज चुका है, बाल विवाह रोका जाए। सूचना पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने सम्बंधित पर्यवेक्षक से सम्पर्क किया और कहा कि बालिका और बालक के उम्र सत्यापन तत्काल करा कर भजें।
उम्र सत्यापन पर पता चला कि बालिका की उम्र 12 वर्ष 7 माह हुई और युवक 24 वर्षीय है। यह सूचना जिला कार्यक्रम अधिकारी को जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने दी। इसके बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अग्रिम कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने संयुक्त टीम बनाई और मौके पर जाकर बालिका के साथ उनके परिजनों को समझाइश दी गई।
उन्हें बताया गया कि इतनी छोटी बालिका का विवाह नहीं होना चाहिए। बालिका अभी कक्षा 7वीं पास करके 8 वीं क्लास में गई है, उसे अभी स्कूल में पढ़ाई कराई जाए और 18 वर्ष की हो तभी विवाह किया जाए। इसके बाद विवाह रोक कर बालिका का कथन, पंचनामा, मामा व मां का कथन लिया गया। बालिका की बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसिलिंग कराकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
लडक़े के परिजनों को भी दी समझाइश
संयुक्त टीम बाराती पक्ष के घर भी पहुंची। युवक की उम्र 24 वर्ष थी। उसके परिजन को भी समझाइश दी गई कि बालिका बहुत छोटी है। यदि विवाह हुआ तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 1 लाख रुपए जुर्माना और 2 वर्ष के कारावास की सजा हो सकती है।
संयुक्त टीम में ये रहे शामिल
बाल विवाह रूकवाने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी गैर संस्थागत देखरेख प्रियंका सिंह, प्रभारी परियोजना अधिकारी माया राजवाड़े, थाना प्रेमनगर से प्रधान आरक्षक दौलत राम, आरक्षक बृजेश मांझी, चाइल्ड लाइन से समन्वयक कार्तिकम मजूमदार, टीम मेम्बर शीतल सिंह, आउटरिच वर्कर पवन धीवर एवं हर गोविन्द चक्रधारी शामिल रहे।