सुलतानपुर के मौसम के जानकार डॉ. जेपी तिवारी बताते हैं कि ‘ला नीना’ से प्रभावित होने वाले साल में हवा सर्दियों में ज्यादा तेज बहती है। पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है। उन्होंने बताया कि ‘ला नीना’ के प्रभाव के कारण इस साल ठंड का प्रकोप अधिक रहेगा
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस बार कुछ सालों की तुलना में ठंड का प्रकोप ज्यादा होने वाला है। आमतौर पर 15 अक्टूबर तक पूरे भारत से मानसून लौट जाता है, लेकिन इस बार मानसून की विदाई देर से हुई। जेपी तिवारी ने बताया कि इसका असर कम तापमान के रूप में नहीं होगा, बल्कि बीच-बीच में आने वाली शीतलहर के रूप में होगा।
सर्दियों में कड़ाके की ठंड
मौसम विज्ञानी के अनुसार ‘ला नीना’ का असर सर्दी के मौसम पर होता है। इस मौसम में हवाएं उत्तर पूर्व के भू भाग की ओर से बहती है, जिन्हें उच्च वायुमंडल में दक्षिण पश्चिमी जेट का साथ मिलता है। इससे उत्तर पश्चिम में बारिश और बर्फबारी होती है। लेकिन ला नीना उत्तर और दक्षिण में निम्न दबाव का तंत्र बनाता है जिससे शीतलहर और दक्षिण की ओर जाती है। इससे इस साल की सर्दियों के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ेगी।
मौसम विज्ञानी के अनुसार ‘ला नीना’ का असर सर्दी के मौसम पर होता है। इस मौसम में हवाएं उत्तर पूर्व के भू भाग की ओर से बहती है, जिन्हें उच्च वायुमंडल में दक्षिण पश्चिमी जेट का साथ मिलता है। इससे उत्तर पश्चिम में बारिश और बर्फबारी होती है। लेकिन ला नीना उत्तर और दक्षिण में निम्न दबाव का तंत्र बनाता है जिससे शीतलहर और दक्षिण की ओर जाती है। इससे इस साल की सर्दियों के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ेगी।