मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण नवम्बर माह के अंत तक यहां शीत लहर का कहर जारी हो जायेगा और ठंड में इजाफा होगा। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस साल ठंड कुछ ज्यादा ही पड़ने वाली है। जिले के मौसम विज्ञानी डॉ. जेपी तिवारी ने कहा कि प्रदेश में ठंड बढ़ने का कारण प्रशांत महासागर में तूफान ला नीना है। ला नीना के कारण हवाएं भी सामान्य से ज्यादा तेज चलेंगी। जिले में दिन में भी धुंध छाई रही। जिसके कारण लोगों को चटख धूप का दर्शन नहीं हो पा रहा है।
वायु प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए जरूरी है बारिश
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हवाएं तेज गति से नहीं चलेंगी तो अभी वायु प्रदूषण और बढ़ेगा। जिससे लोगों की आंखों में जलन होने लगेगी। हवाओं की गति बढ़ने या बारिश होने के बाद ही वायु प्रदूषण कंट्रोल होगा।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हवाएं तेज गति से नहीं चलेंगी तो अभी वायु प्रदूषण और बढ़ेगा। जिससे लोगों की आंखों में जलन होने लगेगी। हवाओं की गति बढ़ने या बारिश होने के बाद ही वायु प्रदूषण कंट्रोल होगा।