scriptइसौली विधायक का फर्श से अर्श तक का सफ़र | Simple and straightforward Abrar Ahmed style changed after winning MLA Election | Patrika News
सुल्तानपुर

इसौली विधायक का फर्श से अर्श तक का सफ़र

विधायक अबरार अहमद का सियासी सफर काफी दिलचस्प रहा है कभी एक छोटी सी कोठरी में इनका गुज़ारा होता था , कुछ समय बाद इन्होंने 1995 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और विजयी हुए।

सुल्तानपुरJul 15, 2016 / 04:36 pm

आकांक्षा सिंह

abrar

abrar

सुल्तानपुर। विधान सभा से पहली बार समाजवादी लहर में विधायक बने अबरार अहमद की कहानी बिल्कुल ख़्वाब सरीखी है। जी एक वक़्त ऐसा भी था जब विधायक जी को लोग इनकी सादगी और बेबाक अंदाज के लिए जानते थे और आज अपनी बदजुबानी और लाइफ स्टाइल के लिए जाने जाते हैं।

विधायक अबरार अहमद का सियासी सफर काफी दिलचस्प रहा है कभी एक छोटी सी कोठरी में इनका गुज़ारा होता था , और क्षेत्र के लोग इनकी आर्थिक मदद के गाहे बगाहे कर दिया करते थे। कुछ समय बाद इन्होंने 1995 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और विजयी हुए। उस समय की जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं जानकी पाल को अध्यक्ष बनाने में अहम रोल निभाया। 2011 के पंचायत चुनाव में दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य बने। बस यहीं से कहानी में मोड़ आना शुरू हुआ।

सदस्य चुने जाने के दौरान बसपा समर्थित प्रत्याशी सीताराम वर्मा को वोट कर दिया जबकि समाजवादी पार्टी ने भी अपना कैंडिडेट उतारा था। उस समय लोगों ने दबी ज़ुबान में बताया कि, अबरार अहमद ने नोट के बदले वोट का पालन किया।

2012 के विधान सभा में सपा ने घोषित किया उम्मीदवार

सूबे के कद्दावर समाजवादी नेता से अबरार अहमद की काफी नज़दीकियां जगजाहिर है ऐसे में विधान सभा के चुनाव में अबरार अहमद सपा से इसौली का टिकट झटकने में कामयाब रहे और विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए। इसौली विधान सभा को मुस्लिम बाहुल्य माना जाता है। बहरहाल ये तो था विधायक का सियासी सफर।

कैसे पहुंचे फर्श से अर्श पर

गुरबत की जिंदिगी जीने वाला शख्स अचानक से महलों में रहने लगा। कई गाड़ियों के काफिले में चलने लगा। महंगे मोबाइल (जिसकी कीमत लाखों में बताई जाती गई) जो विधायक जी अपने साथ लेकर चलते है और ऐसे ही न जाने क्या क्या और सबसे अहम खुलासा पत्रिका का की कभी विधायक जी बी पी एल कार्ड धारक भी हुआ करते थे तो आज कौन सा कारून का खज़ाना लग गया की विधायक जी करोड़ों के आदमी हो गए तो क्या विधयाक जी इसौली की उस ग़रीब जनता का हक तो नहीं मार रहे हैं इसकी पड़ताल की गई तो हकीकत सामने थी।

क्या बदली इसौली की तस्वीर

उत्तर प्रदेश में पुरे पावर में थी समाजवादी सरकार तब भी नहीं बदल सके विधायक जी इसौली की तस्वीर आज भी सड़के बेहाल हैं। पीने के पानी की समस्या जस की तस है, गरीबी गरीब आदमी की पता बता रही है। आज भी लोगों को विकास का इंतज़ार है। कुछ नहीं बदला इसौली विधान सभा में, हां कुछ बदला है तो विधायकजी का अंदाज। जो जग जाहिर हो रहा है।

सत्ता का नशा अभी भी हावी है विधायक जी पर

अपने विधान सभा को भले न बदल सके हो लेकिन खुद को बदल लिया है माननीय ने। कभी बेबाक थे आज बदजुबान हैं अभी हाल के दिनों में जिले की प्रथम नागरिक जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह पर अपनी बदजुबानी के तीर चलाये थे जिसकी गूंज प्रदेश स्तर पर हुई थी। क्षेत्र में भी आम जनता ने काफी आक्रोश दिखाया था। कई जगहों पर विधायक अबरार अहमद का पुतला तक लोगों ने फूंका था। इससे साफ जाहिर होता है कि, आगामी विधान सभा में अबरार अहमद को क्षेत्र में जनता के सवालों का सामना करना पड़ेगा।

Hindi News / Sultanpur / इसौली विधायक का फर्श से अर्श तक का सफ़र

ट्रेंडिंग वीडियो