कार्तिकेय सिंह पहले दिल्ली की तरफ से खेलना चाहते थे, लेकिन उन्हें खेलने के लिए मौका नहीं मिल रहा था। ऐसे में उनके कोच ने सलाह दी कि मध्य प्रदेश चले जाओ और वहां से खेलो।
मोहम्मद अरशद के चोटिल होने के बाद मिली इंट्री कार्तिकेय मध्यप्रदेश पहुंच गए। उसे वहां खेलने का मौका मिला। 30 अप्रैल 2022 को मोहम्मद अरशद खान के चोटिल होने के बाद उन्हें आईपीएल में पहली बार 20 लाख में खरीदा गया। कार्तिकेय सिंह का बचपन से ही क्रिकेट से प्रेम था। उन्हें क्रिकेट मैच में शीर्ष पर पहुंचना आसान नहीं था। उनके पिता श्याम नाथ सिंह एक सिपाही थे। घर में दिक्कत थी। ऐसे में मदद उनके पिता के दोस्त ने की।
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श्याम नाथ सिंह के दोस्त रोहन कन्हाई हैं। जो उस समय गाजियाबाद में एक सिपाही थे। यूपी पुलिस की क्रिकेट टीम के कोच थे। कार्तिकेय को खेलते हुए देखकर उन्होंने श्याम सिंह से बोला कि तुम्हारा बेटा अच्छा खेलता है। कहो तो मैं इसे ले जाऊं। श्याम सिंह ने हां कर दी। लेकर दिल्ली आ गए। जहां एक प्राइवेट एकेडमी में बेटे को ट्रेनिंग के लिए उन्होंने भर्ती कराया।
पहली गेंद पर हुआ सेलेक्शन
कुछ दिन वहां पर ट्रेनिंग करने के बाद रोहन ने कार्तिकेय को वहां से निकलवाया और एलबी शास्त्री एकेडमी लेकर पहुंचे। इस जगह एसएन भारद्वाज कोच थे। जिन्होंने गौतम गंभीर, अमित मिश्रा आदि कई खिलाड़ियों को तैयार किया है। उन्होंने कार्तिकेय का ट्रायल लिया। पहली गेंद पर ही उनका सेलेक्शन भारद्वाज ने कर लिया।
टिनशेड में रहकर खेलना सीखा
कार्तिकेय के सामने अब दिक्कत थी। रहने, खाने, किट और दूसरी जरूरी चीजों की। कोच भारद्वाज ने शिक्षक के साथ पिता का फर्ज निभाया और समस्त जिम्मेदारी स्वयं ले ली। एकेडमी के भीतर ही टीनशेड के बने एक गैरेज में कार्तिकेय को रहने को मिल गया। वहीं पर सीखते और रहते।
सुलतानपुर के हलियापुर के हैं निवासी
बता दें कि कि कार्तिकेय मूल रूप से सुलतानपुर के हलियापुर कुंवासी के निवासी हैं। वे उतराखंड से प्राइवेट कॉलेज से ग्रेजुएशन भी कर रहे हैं। वहीं उनका छोटा भाई भी क्रिकेट खेल रहा है। वह अंजर 14 और अंडर 16 खेल चुका है।
कार्तिकेय के सामने अब दिक्कत थी। रहने, खाने, किट और दूसरी जरूरी चीजों की। कोच भारद्वाज ने शिक्षक के साथ पिता का फर्ज निभाया और समस्त जिम्मेदारी स्वयं ले ली। एकेडमी के भीतर ही टीनशेड के बने एक गैरेज में कार्तिकेय को रहने को मिल गया। वहीं पर सीखते और रहते।
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सुलतानपुर के हलियापुर के हैं निवासी
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