बीते 2 दिनों से हो रही बारिश के बीच करौंदीकला ब्लॉक क्षेत्र के काशीपुर गांव में रात 4 कच्चे मकान ढह गए। हजारों रुपए का गृहस्थी का सामान नष्ट हो गया। पीड़ित परिवारों को अन्यत्र शरण लेना पड़ा है। इसी तरह से क्षेत्र में चार और मकान गिरने की खबर है। सूचना पर पहुंचे राजस्व कर्मियों ने नुकसान का जायजा लिया।
15 से 18 जून तक भारी बारिश का पूर्वानुमान
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर आरके आनंद ने बताया कि अभी और कुछ दिन बदली और बारिश का मौसम बरकरार रहेगा। डॉ आनंद ने 15 से 18 जून के बीच भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर आरके आनंद ने बताया कि अभी और कुछ दिन बदली और बारिश का मौसम बरकरार रहेगा। डॉ आनंद ने 15 से 18 जून के बीच भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
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धान की खेती के लिए बारिश वरदान
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरआर सिंह ने बताया कि अभी 48 घंटे तक मौसम में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब तक हुई बरसात धान की खेती के लिये वरदान साबित होगी। ऐसे में ऐसे किसानों को जिन्होंने धान की लंबी अवधि की प्रजातियों की धान की नर्सरी डाली है और इस समय नर्सरी 25 दिन से अधिक की हो गई है, उन्हें बारिश का लाभ उठाकर रोपाई प्रारंभ करने की सलाह दी है।
संक्रामक बीमारियों का खतरा
मानसून की पहली बारिश ने पालिका परिषद के तमाम दावों की पोल खोल दी है। जगह-जगह बंद नालियों से शहर की सड़कों और मोहल्लों गलियों में जलभराव पैदा हो गया है। घरों में पानी घुसने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है और जल भराव से आवागमन भी काफी हद तक बाधित रहा। जलभराव और कीचड़ के चलते गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया। इन हालात में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
मानसून की पहली बारिश ने पालिका परिषद के तमाम दावों की पोल खोल दी है। जगह-जगह बंद नालियों से शहर की सड़कों और मोहल्लों गलियों में जलभराव पैदा हो गया है। घरों में पानी घुसने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है और जल भराव से आवागमन भी काफी हद तक बाधित रहा। जलभराव और कीचड़ के चलते गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया। इन हालात में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।