सुलतानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि आशा बहुओं और संगिनियों को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भर्ती किया जाता है। इन्हें स्वास्थ्य विभाग के एक हिस्से के रूप में स्वास्थ्य श्रमिक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने बताया कि Accredited Social Health Activist (ASHA) का मुख्य काम ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाएं और बच्चों की देखभाल करना है।
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यह महिलाएं बन सकती हैं आशा बहू?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि आशा बहू बनने के लिए मुख्य रूप से विवाहित/विधवा/ तलाकशुदा महिला होनी चाहिए। इसके लिए महिला की न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम 50 वर्ष होनी चाहिए। इसमें 25 से 45 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं को वरीयता दी जाती है। आशा बहू बनने के लिए 10वीं या इससे अधिक योग्यता होना चाहिए।
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By- राम सुमिरन मिश्र