नक्सलियों ने लगाया आरोप
नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि मारे गए दोनों लोग पहले नक्सल संगठन में कार्यरत थे। लेकिन एक महीने पहले ही दोनों पार्टी छोड़कर गांव लौटकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। इस बीच पुलिस दोनों को घर से उठाकर ले गई और उन्हें गोली मार दी।
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पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप
नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी की सचिव गंगा ने लिखित बयान जारी कर इस मुठभेड़ को फर्जी मुठभेड़ बताते हुए कहा कि दंतेशपुरम निवासी मड़कम एर्रा व मैलासुर निवासी पोड़ियम भीमे दोनों माओवादी संगठन में कार्यरत थे, एर्रा गोलापल्ली एलओएस कमांडर था, भीमे एलओएस सदस्या थी, लेकिन वे दोनों राजनीतिक रूप से कमजोर होकर लगभग एक महीने पहले पार्टी छोड़कर अपने गांव दंतेशपुरम चले गए। इसी बीच दोनों को पुलिस घर से उठा ले गए और 8 मई को सुकमा जिले के भेज्जी थाना अंतर्गत ग्राम दंतेशपुरम के जंगलों में एर्रा व भीमे को झूठी मुठभेड़ में गोली मारकर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है।
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पुलिस महानिरीक्षक का कहना
नक्सलियों द्वारा जारी बयान गलत एवं भ्रामक हैं। वे अपने कैडर का मनोबल बनाए रखने के लिए ऐसे बयान जारी करते है। यह मुठभेड़ सही है। पुलिस को यह भी पुख्ता जानकारी है कि दोनों अभी भी नक्सल संगठन में सक्रिय थे तथा कई अपराधों में लगातार शामिल थे। दोनों निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, सुरक्षा बलों पर हमला, शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाना, आगजनी, आईईडी विस्फोट जैसे कुल 34 से अधिक हिंसात्मक एवं आपराधिक घटना में शामिल रहे।
-सुंदरराज पी. पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज