सुकमा

बैकफुट पर आये नक्सली तेजी से बदल रहे हैं अपनी रणनीति, जानिए क्या है पूरा मामला

नक्सली भी सरकार की नीति की तरह काम करने लगे हैं। नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन कोंटा एरिया कमेटी की ओर से जारी पर्ची में आत्मसमर्पण (Naxal Rehabilitation Policy) के बाद पुलिस के साथ मिल जाने और डीआरजी में काम करने वाले जवानों को घर वापसी का मौका देने की बात कही है
 
 

सुकमाJun 26, 2019 / 07:12 pm

Karunakant Chaubey

पुनर्वास नीति को असफल बनाने के लिए नक्सलियों ने चली गहरी चाल, जानिए क्या है पूरा मामला

दंतेवाड़ा. नक्सल मोर्चे पर एक ओर जहां सरकार पुनर्वास नीति के जरिए नक्सलियों के आत्मसमर्पण (naxal Rehabilitation policy) और उन्हें डीआरजी (DRG) से जुड़े नक्सलियों के खिलाफ ही मोर्चा पर उतार रही है। तो अब दूसरी और नक्सली भी सरकार की नीति की तरह काम करने लगे हैं।

नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन कोंटा एरिया कमेटी की ओर से जारी पर्ची में आत्मसमर्पण (Surrendered naxalite) के बाद पुलिस के साथ मिल जाने और डीआरजी में काम करने वाले जवानों को घर वापसी का मौका दिए जाने की जानकारी दी है।

जानिये क्यों बस्तरवासी अपने भगवान को पिलाते हैं नीम का काढ़ा

मंगलवार को जारी इस पर्चे में कहा गया कि पुलिस के लिए काम करने वाले दो आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों की वापसी गांव में आने के बाद अनुमति दे दी गई है। अगर कोई पुलिस के साथ रहकर परेशान है तो उसकी वापसी के लिए दरवाजे खुले हुए हैं। इसके अलावा अलग-अलग सुरक्षाबलों के जवानों से अपील भी की गई है कि वे जनक्रांति के साथ जुड़ जाएं।

Naxal audio recording सुन कर उड़ गए पुलिस वालों के होश, बना रहे हैं बड़े हमले की योजना

जानकारी के अनुसार नक्सली इन दिनों तेजी से अपनी रणनीति में बदलाव कर रहे हैं। संगठन छोड़ कर सेना में शामिल होकर काम करने वाले जवानों को नक्सली वापस बुला रहे हैं। जारी पर्चे में कहा गया है कि चिंतागुफा में रहने वाले कवासी सिंगा और चल पोच्चा में रहने वाले मांडवी सोमडा को फिर से वापस आने का मौका दिया गया है।
जनता के सामने माफी मांगे और रहे आराम से

नक्सलियों ने पर्ची जारी कर कहा मांडवी सोमडा (Surrendered naxalite) के चलते उन्हें कई बार नुकसान उठाना पड़ा। करीब आठ बार DRG की टीम ने इसकी निशानदेही पर हमला किया। लेकिन उसने जन अदालत में आकर अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगी। ऐसे में उसे माफ कर दिया गया है।
नक्सलियों ने कहा कि जो भी (naxal Rehabilitation policy) पुलिस के साथ किसी भी कारणवश मिल चुका है। वह अगर वापस गांव आना चाहता है तो तत्काल जन अदालत ने आकर अपने कर्मों की माफी मांग ले। साथ ही यह भी कहा गया है कि पुलिस और डीआरजी की नौकरी छोड़कर वह चाहे जिस विभाग में काम करना चाहे कर सकते हैं।

Hindi News / Sukma / बैकफुट पर आये नक्सली तेजी से बदल रहे हैं अपनी रणनीति, जानिए क्या है पूरा मामला

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.