CG News: अधिकारियों की लापरवाही से मरीजों को हो रही काफी दिक्कतें
नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण वाहनों की कमी है, जिससे समय पर मरीजों को दूसरे अस्पताल तक पहुंचाना बहुत मुश्किल हो गया है। गौरतलब है कि मरईगुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एंबुलेंस का पिछले एक साल से मरमत नहीं हो सका है, जिससे इस क्षेत्र के लोग गंभीर परिस्थितियों में इलाज के लिए समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। स्थानीय लोगों को आपातकालीन स्थिति में निजी वाहनों के जरिए मरीजों को अस्पताल भेजने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से बंद है। मरईगुड़ा और इसके आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पहले ही दयनीय है, और इस तरह की समस्याओं से स्थानीय लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बाइक एंबुलेंस भी तीन महीने से बंद
इसी तरह, मरईगुड़ा क्षेत्र में अंदरूनी इलाकों से मरीजों को लाने के लिए बाइक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी, लेकिन पिछले तीन महीने से बाइक एंबुलेंस भी बंद पड़ी है। इसका चालक तीन महीने पहले नौकरी छोड़ चुका है, और अब तक नए चालक की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके कारण क्षेत्रवासियों को आपातकालीन स्थिति में भी बाइक एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही है।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त आवास की सुविधा भी नहीं
गोलापल्ली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन वर्तमान में मरईगुड़ा में किया जा रहा है, क्योंकि गोलापल्ली में स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए भवन का अभाव है। मरईगुड़ा पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश सीमा से लगा हुआ गांव है, और यहां पर तैनात स्वास्थ्य गर्मियों के लिए पर्याप्त आवास की सुविधा भी नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि जिससे उन्हें काम में कठिनाइयां हो रही हैं।
कोई जानकारी नहीं
CG News: सीएमएचओ, कपिल देव कश्यप: एंबुलेंस दुर्घटना के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एंबुलेंस की अनुपस्थिति के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस मुद्दे की जानकारी ली जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।