दरअसल, डॉक्टर अय्यर रविवार को अपने 4 दोस्त आयुष, कोशकी, अभिषेक और आकांक्षा के साथ पिकनिक के लिए दिगंबर वॉटरफॉल गए थे। इसी दौरान वह नहाते वक्त वॉटरफॉल के गहरे पानी की तरफ चले गए और डूब गए। जिसके बाद इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर किया। देर रात तक अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को बीच में ही रोकना पड़ा था। सोमवार की सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और कड़ी मशक्कत के बाद आज सुबह साढ़े 9:30 बजे डॉक्टर का शव बरामद हुआ है।
सुरक्षाकर्मियों के मना करने पर भी गए वॉटरफॉल
पुलिस के अनुसार, यह सभी लोग जब शुरुआत के दिगंबर वॉटरफॉल पहुंचे थे। तभी इन्हें वहां जाने से रोका गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि बरसात के मौसम से नदी, जलप्रपात में पानी प्रवाह तेज होता है और पानी भर जाने के कारण पानी की गहराई भी समझ नहीं आती है। इसी को देखते हुए ऐसे वॉटरफॉल के पास सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते है और किसी भी व्यक्ति को वहां जाने की सलाह नहीं दी जाती है।
पहले भी होते रहे हैं यहां हादसे
बहरहाल, सुरक्षाकर्मियों के मना करने के बावजूद डॉक्टर अश्विन कृष्णन अय्यर और उनके दोस्त दूसरे रास्ते से वॉटरफॉल पहुंच गए थे। आपको बता दें कि, इस वाटरफॉल में कई बार ऐसे हादसे हो चुके है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस हरे-भरे पेड़ों के बीच 80 फ़ीट के जलप्रपात को देखने के लिए हज़ारों की सख्या में लोग हर साल आते है।