कांग्रेस राज में नहीं हो सका था काम शुरू
खारी फीडर को चौड़ा करवाने के लिए पिछले साल तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रथम चरण में 80 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। आनन-फानन में 79.94 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और वित्तिय स्वीकृति जारी की। टेण्डर अपलोड किए गए थे। टेण्डर में सिर्फ एक ठेकेदार के भाग लेने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद दुबारा टेण्डर अपलोड किए गए, लेकिन विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लग गई। भाजपा सरकार बनने के बाद पिछली सरकार के अधिकांश कामों पर अघोषित रोक लगा दी गई थी। उक्त पूरे प्रोजेक्ट पर 137 करोड़ रुपए खर्च होना प्रस्तावित था। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने इसका शिलान्यास भी कर दिया था। फैक्ट फाइल
- 137 करोड़ खर्च होंगे पूरे प्रोजेक्ट पर खर्च
- 79.94 करोड़ पहले चरण में होने थे खर्च
- 57.08 करोड़ दूसरे चरण में होंगे थे खर्च
झील से यहां होती है सिंचाई
- 45 राजसमंद के गांव में 10,144 हेक्टेयर में होती सिंचाई
- 07 नाथद्वारा के गाांव की 467 हेक्टेयर में होती है सिंचाई
- 700 एमसीएफटी पीएचईडी के लिए रखा जाता है रिजर्व
अधूरे काम को पूरा करने के लिए 5 करोड़ स्वीकृत
बजट में कुंभलगढ़ स्थित आगरिया फीडर के पुनरूद्धार के लिए 5 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सिंचाई विभाग के अनुसार उक्त फीडर का 2007 में टेण्डर किया था। ठेकेदार किसी कारण से काम को बीच में छोडकऱ भाग गया था। इसके बाद दूसरे ठेकेदार ने भी यही किया। इसके पश्चात कई बार टेण्डर करने के प्रयास किए गए, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। उस समय इस पर करीब 1.5 करोड़ रुपए खर्च होने थे। सरकार ने इस बार 5 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जिससे अधूरे कार्य को पूरा करवाया जाएगा।