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चिकित्सक शिक्षकों को मृत कैडर में शामिल करने का विरोध, चंग बजाते हुए लगाए नारे, देखें वीडियो…

पाली मेडिकल कॉलेज के 94 चिकित्सक शिक्षक रहे सामूहिक अवकाश पर

पालीJul 22, 2024 / 07:00 pm

Suresh Hemnani

चिकित्सक शिक्षकों को मृत कैडर में शामिल करने का विरोध, चंग बजाते लगाए नारे, देखें वीडियो...

पाली के बांगड़ अस्पताल परिसर में विरोध-प्रदर्शन करते चिकित्सक ​शिक्षक।

Doctors Protest in Pali Rajasthan : राजमेस के कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को आरएसआर नियमों से वंचित रख दिया गया है। उनका मृत कैडर बना दिया गया है। इसे विरोध में पाली मेडिकल कॉलेज के 94 चिकित्सक शिक्षकों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश ले लिया। चिकित्सालय परिसर में चंग व मंजीरे बजाते हुए सरकार के कदम का विरोध किया।
मेडिकल कॉलेजों में वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को राजस्थान सेवा नियमों से वंचित रखने के विरोध में सुबह मेडिकल कॉलेज चिकित्सक अस्पताल के मुख्यद्वार के पास एकत्रित हुए। उन्होंने सीने पर मृत कैडर के पोस्टर लगाए। वहां चंग बजाते हुए उनको भी आरएसआर नियमों का लाभ देने को लेकर नारे लगाए। इसके बाद मृत कैडर की अर्थी सजाकर शव यात्रा निकाली गई। जिसमे चिकित्सक अंहिसा सर्कल तक गए और वापस बांगड़ अस्पताल लौटे।

इस कारण है नाराजगी

आरएमसीटीए अध्यक्ष डॉ. ओपी सुथर ने बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा में राजमेस मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के लिए राजस्थान सेवा नियम अडॉप्ट करने की घोषणा की थी। ये राजकीय सेवा नियम केवल नई भर्ती पर लागू होंगे। वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों पर नहीं। इससे चिकित्सकों में रोष है। सचिव डॉ. सुखदेव चौधरी व कोषाध्यक्ष डॉ. दिनेश सोलंकी ने बताया कि वर्तमान फैक्लटी ने पाली मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस व पीजी सीट को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसा ही अन्य राजमेस के कॉलेजों में भी किया गया है। इसके बावजूद उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है।

एमओ व रेजीडेंट ने संभाली व्यवस्था

बांगड़ चिकित्सालय में मरीजों की व्यवस्था एमओ व रेजीडेंट चिकित्सकों ने संभाली। अस्पताल के ओपीडी में आने वाले मरीजों की उन्होंने जांच कर दवा लिखी। अस्पताल में 60 से अधिक चिकित्सकों के मौजूद रहने से मरीजों को परेशानी नहीं हुई।

वार्ड हो गए खाली

चिकित्सक चिकित्सकों की हड़ताल के कारण बांगड़ चिकित्सालय के जिन वार्ड में हर बैड मरीज थे। वे सुबह से ही खाली रहे। अस्पताल के मेडिकल वार्ड में सुबह एक भी मरीज नहीं था। इसके बाद दोपहर बारह बजे तक पांच सात मरीज ही भर्ती किए गए। ऐसा ही हाल अन्य विभागों का भी रहा।

पर्ची लेकर बाहर पहुंचे मरीज

चिकित्सक शिक्षकों के पास नियमित जांच के लिए कई मरीज आते है। ऐसे मरीज चिकित्सक शिक्षकों के धरना स्थल पर पर्ची लेकर पहुंच गए। उन्होंने जांच कर दवा लिखने कहा। इस पर चिकित्सक शिक्षकों ने मरीजों को अन्य चिकित्सक के पास भेजा व जांच करवाई।

ऐसा हो रहा राजमेस चिकित्सकों के साथ

-वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षक (वर्ष 2017 से लगातार) डाइंग कैडर वालों पर राज्य सेवा नियम लागू नहीं।

-राजमेस चिकित्सकों को सरकारी कर्मचारी (राज्य सेवा) का दर्जा नहीं।
-राजमेस चिकित्सक शिक्षकों पर ग्रेड-पे सिस्टम लागू नहीं (केवल समेकित वेतन)।

-महंगाई व नॉन प्रेक्टिस भत्ता नहीं।

-पीएल का नकद भुगतान नहीं।

-अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ नहीं ।

-पोस्टमार्टम भत्ते का लाभ नहीं
-वर्तमान में पुरानी व नई पेंशन की वस्तुस्थिति स्पष्ट नहीं

-पूर्व राज्य सेवा का संरक्षण नहीं

-अब नियुक्त होने वाले चिकित्सक शिक्षक (1-08-2024 के बाद नियुक्ति) वाले चिकित्सक शिक्षकों को राजमेस के वितरित सभी लाभ मिलना।

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