वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश
उन्होंने बताया कि खाते का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। राव ने फोन काटने की कोशिश की तो दूसरी ओर से वॉट्सऐप वीडियो कॉल आया। फर्जी पुलिसकर्मी ने उन्हें अपनी जगह बैठे रहने की हिदायत देते हुए फोन अन्य जगह ट्रांसफर कर दिया। दूसरी ओर मौजूद व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का जांच अधिकारी राहुल गुप्ता बताते हुए कहा कि आप डिजिटल अरेस्ट किए जा चुके हैं। राव घर पहुंचे और खुद को कमरे में बंद कर लिया। साइबर अपराधियों ने राव को स्काइप काल कर उन पर निगरानी शुरू कर दी। राव को बताया गया कि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा। स्काइप से रातभर की गई निगरानी
राव ने बताया कि उन्हें ऑनलाइन कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में एक व्यक्ति जज की पोशाक में ऊंची बेंच पर बैठा था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिए कि उन्हें 59 लाख रुपए खातों में ट्रांसफर करने होंगे और उनका विवरण साझा करना होगा। राव की रातभर स्काइप से निगरानी की गई। अगले दिन राव ने 50 लाख और 9 लाख रुपए दो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। बाद में अपराधियों ने स्काइप कॉल काट दिया।