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नागौर

मैं अभी जिंदा हूं सा’ब! कलयुगी बेटे ने…

माता-पिता अपने मन में यह सोचकर अपने संतान की परवरिश करते हैं कि बुढ़ापे में सहारा बनेंगे। दो जून की रोटी हंसते खेलते देगी, लेकिन वर्तमान में जमीन-जायदाद को लेकर कई संताने कलयुगी साबित हो रही। जो बुढ़ापे में सहारे की लाठी नहीं बनकर उनको लावारिश या वृद्धाश्रम में छोड़ रहे। या उनके जीवित होते […]

नागौरJul 24, 2024 / 06:23 pm

Nagesh Sharma

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बुजुर्ग पीडि़ता

माता-पिता अपने मन में यह सोचकर अपने संतान की परवरिश करते हैं कि बुढ़ापे में सहारा बनेंगे। दो जून की रोटी हंसते खेलते देगी, लेकिन वर्तमान में जमीन-जायदाद को लेकर कई संताने कलयुगी साबित हो रही। जो बुढ़ापे में सहारे की लाठी नहीं बनकर उनको लावारिश या वृद्धाश्रम में छोड़ रहे। या उनके जीवित होते हुए भी कागजों में मृत बताकर उनकी प्रोपर्टी हड़पे रहे।
ऐसा ही एक वाकया सामने आया कुचामन सिटी के निकट आसपुरा गांव में। यहां पर एक कलयुगी बेटे ने प्रोपर्टी के लालच में अपनी मां को 7 साल पहले ही रिकॉर्ड में दफनाकर फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। जबकि उसकी मां जीवित बताई। वृद्धा 59 वर्षीय भंवर कंवर पत्नी मदन सिंह राजपूत ने बताया कि उसके पति की 14 वर्ष पहले मौत हो गई। जिसके बाद आसपुरा में उसके कास्त की जमीन स्वयं के साथ उसके पुत्र रघुवीर सिंह व बलवीर सिंह के नाम हो गई।
उसके बड़े पुत्र रघुवीर सिंह व उसकी पत्नी मंजू कंवर ने मिलकर तत्कालीन जिलिया ग्राम पंचायत प्रशासन से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर 4 फरवरी 2019 को उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया। जिसमें मौत की तारीख 19 अक्टूबर 2017 अंकित करवा ली। फिर इस प्रमाण पत्र के आधार पर बड़े बेटे रघुवीर सिंह व उसकी पत्नी ने मिलकर उसके हिस्से की जमीन अपने कब्जे में करने के लिए अपने नाम म्यूटेशन दर्ज करवा लिया।
जमीन हथियाने के लिए बेटे-बहू ने रचा षडय़ंत्र

बुजुर्ग भंवर कंवर ने बताया कि वह छोटे पुत्र बलवीर के पास पिछले कई साल से रह रही। बड़ा बेटा रघुवीर उससे अलग रह रहा, लेकिन जमीन को लेकर बड़े बेटे ने षडय़ंत्र रचकर फर्जी दस्तावेजों से जमीन को हड़प लिया। रघुवीर सिंह ने हड़पी हुई जमीन को अन्य व्यक्ति के नाम बेचाननामा कर दिया। जबकि हकीकत में कायदों के अनुसार रघुवीर इस जमीन का बेचान नहीं कर सकता।
जिलिया पंचायत ने जिंदा का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र

आसपुरा गांव पहले जिलिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में था। लेकिन इन दिनों ग्राम पंचायत चांदपुरा में शामिल कर दिया गया। वृद्धा भंवर कंवर का मृत्यु प्रमाण पत्र तत्कालीन जिलिया पंचायत से जारी किया गया। जो वर्ष 2019 में 19 अक्टूबर 2017 की मृत्यु तारीख का बना दिया गया।नियमों के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने से पहले पंचायत विभाग की ओर से दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए थी। लेकिन तत्कालीन जिलिया ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक पोकरराम ढाका ने बिना दस्तावेजों की जांच किए ही भंवर कंवर का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
बुजुर्ग ने लगाई न्याय की गुहार

बुजुर्ग ने अपने ही पुत्र-पुत्र वधू के खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज करवाकर कुचामन पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। पीडि़ता ने बताया कि उसके पुत्र ने तो जमीन के लालच में आकर उसका जीवित का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। पंचायत प्रशासन को सारी जानकारी होने के बावजूद उन्होंने चंद रुपयों के लालच में आकर बुजुर्ग को दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया। पुलिस पूरे मामले में जांच कर दोषियों को सजा दिलाएं।
फर्जी मृत्यु प्रमाण बनाकर जमीन हड़पने का वृद्धा ने मुकदमा दर्ज करवाया है। मृत्यु प्रमाण की ग्राम पंचायत से जानकारी जुटाकर जांच की जाएगी। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सुरेश कुमार चौधरी, थानाधिकारी, कुचामनसिटी

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