नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप का पहला झटका सांगली में 9 जुलाई को रात 7 बजकर 34 मिनट और 28 सेकंड पर आया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.8 दर्ज हुई। भूकंप का केंद्र सांगली में 10 किमी गहराई में स्थित था। इसके 12 घंटे बाद राज्य में फिर धरती डोलने लगी। भूकंप का दूसरा झटका सुबह 7 बजकर 14 मिनट और 53 सेकंड पर आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 रही। इसका केंद्र हिंगोली में 10 किमी गहराई में था।
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मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप के ये झटके मराठवाड़ा जिले के तीन जिलों परभणी, हिंगोली, नांदेड़ और विदर्भ के वाशिम जिले के रिसोड में धरती में कंपन महसूस हुए। इन भूकंपों से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन सुबह-सुबह आए इस भूकंप के झटकों से लोगों में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया। धरती में कंपन महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आये। महज 12 घंटे के अंतर पर दो बार भूकंप के झटके लगे। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपने घरों की टिन की छत पर वजन बढ़ाने के लिए रखे गए भारी पत्थरों को हटाने की अपील की है।
अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह आये भूकंप का केंद्र हिंगोली के कलमानूरी तालुका के रामेश्वर टांडा गांव में था। इसी साल मार्च में इस क्षेत्र में 4.5 और 3.6 तीव्रता के भूकंप आये थे, जिनका केंद्र हिंगोली के कलमानूरी तालुका के जाम्ब गांव में था।