scriptKargil Vijay Diwas: करगिल वार की हीरो रही बोफोर्स तोप का स्थान ले रही ये स्पेशल गन, 47 KM दूर बैठे दुश्मन का कर सकती है सफाया | Dhanush artillery gun is replacing the Bofors gun which was the hero of Kargil war | Patrika News
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Kargil Vijay Diwas: करगिल वार की हीरो रही बोफोर्स तोप का स्थान ले रही ये स्पेशल गन, 47 KM दूर बैठे दुश्मन का कर सकती है सफाया

Kargil Vijay Diwas: स्विट्जरलैंड से खरीदी थी 419 बोफोर्स एफएच-77 तोपें, अब 114 धनुष तोपें आर्मी में हो रही शामिल

जोधपुरJul 26, 2024 / 10:33 am

Rakesh Mishra

गजेंद्र सिंह दहिया
Kargil Vijay Diwas: करगिल युद्ध के समय 1999 में भारतीय सेना के लिए गेम चेंजर साबित हुई स्विट्जरलैंड की बोफोर्स कम्पनी की एफएच-77 तोप यानी 155 आर्टिलरी गन को भारतीय सेना अब स्वदेशी धनुष तोप से प्रतिस्थापित कर रही है। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री इसका उत्पादन कर रही है। वर्ष 2019 में सेना को ट्रायल के लिए धनुष तोपें दी थीं। वर्ष 2022 में जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया। इसके बाद आर्मी ने 114 धनुष तोप का ऑर्डर दिया। अब तक सेना को 30 से अधिक धनुष तोपें मिल चुकी हैं। पहली स्वदेशी तोप धनुष के बाद सारंग तोप भी तैयार हो गई।

35 साल पहले आई थी अंतिम तोप

सेना को 1987 में स्वीडन से बोफोर्स तोप मिली थी। तोप में खरीद का विवाद होने के बाद सेना ने कोई नई तोप नहीं खरीदी। कुछ समय पहले के-9 थंडर वज्र के लिए कोरिया से करार हुआ था।

बोफोर्स ने ऐसे किया कमाल

करगिल क्षेत्र लद्दाख का दूसरा बड़ा शहर है, जहां तापमान -60 डिग्री तक चला जाता है। यहां ऊंचाई 5500 मीटर तक है। मई 1999 में पाकिस्तानी सेना और आतंकवादी यहां घुसपैठ कर गए थे और ऊंचाई से गोले बरसा रहे थे। तब आर्मी ने बोफोर्स तोप की 4 रेजिमेंट यानी 72 तोपें लगाई, जिन्होंने दिन-रात फायर करके घुसपैठियों को खदेड़ा और पैदल सेना के लिए रास्ता बनाया। बोफोर्स तोप 90 डिग्री तक 35 किलोमीटर तक मार कर रही थी और 12 सैकण्ड में तीन गोले दागे जा रहे थे। कुल मिलाकर 155 एमएम की इस तोप से 69 हजार 800 गोले दागे गए।

धनुष की ताकत बोफोर्स से अधिक

धनुष 155 गुणा 45 एमएम कैलिबर की तोप है, जबकि बोफोर्स 155 गुणा 39 एमएम की है। धनुष की स्ट्राइक रेंज 38 किलोमीटर है। अधिकतम यह 47 किलोमीटर तक फायर कर सकती है, जबकि बोफोर्स 35 किलोमीटर तक ही फायर करती है। यह बोफोर्स तोप से 11 किलोमीटर अधिक दूर तक निशाना लगा सकती है। इसके जरिए रात में भी निशाना लगाया जा सकता है। धनुष के 81 फीसदी पुर्जे भारत में ही बने हैं।
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करगिल युद्ध के समय बोफोर्स तोप गेमचेंजर रही थी। सेना ने इस तोप के 4 रेजिमेंट वहां तैनात किए थे। बोफोर्स तोप द्वारा शत्रुओं को न्यूट्रीलाइज करने के बाद ही आर्मी आगे बढ़नी शुरू हुई थी। अब इसका स्थान धनुष तोप ले रही है।
  • राणुसिंह राठौड़, रिटायर्ड मेजर जनरल (करगिल युद्ध के समय ऑपरेशन लॉजिस्टक में तैनात थे।)
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