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देशभर में प्रसिद्ध है झालावाड़ का संतरा: 19 हजार लोकल पौध तैयार

झालावाड़ के वातावरण के हिसाब से तैयार किया गया

झालावाड़Jun 18, 2024 / 12:00 pm

harisingh gurjar

झालावाड़.झालावाड़ जिले के संतरे का स्वाद ऐसा है कि विदेशी भी इसके मुरीद है। यही वजह है कि यहां के संतरे की मांग कई देशों में रहती है। लेकिन जिले में संतरे के बगीचों में लगातार हो रही कमी चिंता का विषय है। लेकिन राहत की बात ये है कि जिले में संतरा उत्कृष्टता केन्द्र लगातार इस पर काम कर रहा है। कैसे जिले में फिर से संतरे के बगीचों की संख्या बढ़े व अच्छी किस्म के पौधे लगे। इसके लिए संतरा उत्कृष्टता केन्द्र ने इस सीजन के लिए 19 हजार नागपुरी संतरे की पौध तैयार की है। ये किस्म भले ही नागपुरी संतरे के नाम से है, लेकिन इसे झालावाड़ के वातावरण के हिसाब से तैयार किया गया है। ये यहां बहुत ही अच्छा उत्पादन दे रही है व स्वाद में भी नागपुरी संतरे को फैल कर रही है। अभी 19 हजार पौध तैयार की गई है तथा अगले साल के लिए 50 हजार रूट स्टोक तैयार किया जा रहा है।
60 रुपए है एक पौधे का मूल्य-

संतरा उत्कृष्टता केन्द्र में स्वयं द्वारा तैयार एक संतरे के पौध की रेट 60 रुपए है। हालांकि उद्यान विभाग के माध्यम से आवेदन करने वाले किसानों को अनुदान भी मिलता है। इसके लिए किसानों को नियमानुसार उद्यान विभाग में संपर्क कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
ये है स्थानीय किस्म लेने का फायदा-

उत्कृष्टता केन्द्र के विशेषज्ञों ने बताया कि बाहर की नर्सरी से पौधे लेने में और यहां से पौध लेने में ये फायदा है कि यहां का पौधा पोलीबेग में तैयार किया जाता है, इसलिए 95 फीसदी इस वातावरण में चल जाता है। वहीं बाहर से लाने वाले पौधों की इतनी गारंटी नहीं होती है। क्योंकि बाहर की नर्सरी वाले बंडल में पौध तैयार करते हैं। दूसरा नुकसान ये होता है कि उसकी किस्म का भी पता नहीं होता है। वहीं बाहर से पौधे लाने में परिवहन खर्चा भी ज्यादा आता है। इससे पौधों की लागत बढ़ जाती है। अभी उत्कृष्टता केन्द्र में 11 हैक्टेयर में कई किस्मों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
ये किस्में भी हो रही तैयार-

संतरा उत्कृष्टता केन्द्र पर प्रयोग के तौर पर डेजी, प्रीमाउंट, सीडलेस, मिठाल आदि संतरे की किस्म के प्रति किस्म 200 पौधे प्रयोगिक तौर पर तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए पहले किसानों से सुझाव व आवेदन मांगे जाएंगे जो किसान इच्छुक होंगे उन्हे ये पौध दी जाएगी। ऐसे करें तैयारी- किसान संतरे की पौध लगाने से पूर्व 3 गुणा 3 का गढ्डा खोदकर 15 जून तक उसे अच्छे से तपने दें, ताकि उसमें मौजूद हानिकारक जीवाणु मर जाएं। उसके बाद उसमें 20 किलो गोबर की खाद, एक किलो एसएसपी, फफूंदनाशक पाउडर डालकर बंद कर दें। पर्याप्त बारिश होने के बाद 15 जुलाई से अगस्त माह के बीच उसमें 6-6 मीटर पौधे से पौधे व लाइन से लाइन की दूरी रखते हुए पौधे रोप दें।
19 हजार पौध तैयार-

जिले में नागपुरी संतरे का अच्छा परिणाम है। इसकी 19 हजार पौध तैयार की गई है। किसान एक हैक्टेयर में 277 पौधे लगाएं। संतरे की डेजी, सीडलेस, मिठाल आदि अन्य किस्में भी प्रायोगिक तौर पर तैयार की जा रही है। एक पौधा 60 में दिया जाएगा।
वीरेन्द्र चौधरी, संयुक्त निदेशक, संतरा उत्कृष्टता केन्द्र, झालरापाटन।

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