सीएमओ ने दिए निर्देश
सीएमओ माधुरी शर्मा के द्वारा खुले में कचरा फेंकने वालों और घरों से निकलने वाला कचरा कचरा गाड़ी में न फेंकने वालों को चिह्नित करते हुए एवं उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर चालानी कार्रवाई कर 500 से 1000 रुपए तक की राशि वसूली जाए। वहीं स्वच्छता नोडल उपयंत्री नीतेश चौरसिया ने बताया कि पिछले सर्वेक्षण की अपेक्षा इस बार कुछ बदलाव हुए है। जिसमें पिछली बार 4825 अंक सेवा स्तर प्रगति के निर्धारित किए गए थे, इस बार 5705 अंक मिलेंगे। इसी तरह सिटीजन वाइस के लिए 2447 की जगह 1295 अंक निर्धारित किए गए। वही प्रमाणीकरण में 2500 अंक मिलेंगे। इस तरह से स्वच्छता सर्वेक्षण का मूल्यांकन मापदंड कुल 9500 अंक का होगा। जिसके अनुसार स्वच्छ भारत मिशन की टीम के द्वारा शहर का सर्वे कुल चार चरणों में किया गया।
ये रही पूर्व की रैंकिंग
वर्ष 2022 में छतरपुर शहर को नेशनल स्तर पर जहां 71 वीं रैंक प्राप्त हुई थी, वहीं वर्ष 2023 में 89 रैंक पर पहुंच गया है। इसी तरह स्टेट लेवल पर भी वर्ष 2022 की रैंकिंग 23 थी जो वर्ष 2023 में 25 पर पहुंच गई। लेकिन वर्ष 2024 में अगर कचरा केंद्र में स्थापित किया गया प्लांट और मशीनरी का उपयोग कचरा प्रबंधन में किया जाता है तो इस बार की रैंकिंग बढऩे की उम्मीद है।
गतिविधियों के लिए 9500 अंक निर्धारित
सफाई के लिए विभिन्न गतिविधियों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 1705 अंक, सार्वजनिक क्षेत्रों की साफ-सफाई पर 280 अंक, डोर टू डोर कचरा संग्रहण के 300 अंक, कचरा पृथक्करण के 300 अंक, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध के 150 अंक, सभी चिह्नित डंप साइट उपचारित के 230 और स्वच्छता एवं उपयोगिता जल प्रबंधन 1245 अंक सहित अन्य स्वच्छता गतिविधियों के लिए कुल 9500 अंक निर्धारित किए गए हैं।