यह पावर अब तक राज्य सरकार के पास अधीन है। लेकिन पिछले डेढ़ साल से लालगढ़ जाटान को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने के बाद लालगढ़ सैनिक छावनी सहित चार ग्राम पंचायतों की सीमाओं को लेकर यह विवाद उठा कि इन एरिया को नगर नव सृजित नगर पालिका लालगढ़ जाटान से अलग किया गया जा चुका है लेकिन वह पंचायत क्षेत्र में नहीं है।
इस विसंगतियों को दूर करने की बजाय उसे छोड़ दिया था। लेकिन अब राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि इन ग्रामीण क्षेत्र की सीमाओं का पुन: सीमांकन करने के लिए जिला कलक्टर उपयुक्त रहेंगे।
इस संबंध में राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल ने लालगढ़ जाटान नगर पालिका से अलग हुए लालगढ़ सैनिक छावनी एरिया, 10 एलएलजी, 19 एसडीएस, 21 एसडीएस और 7 एलएलजी की सीमाओं को पुन: पंचायतीराज संस्थाओं या ग्राम पंचायतों के सीमाओं में शामिल करने के लिए राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 98 के तहत वणिज़्त शक्तियों को राज्य सरकार ने अब जिला कलक्टर श्रीगंगानगर को अधिकृत किया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने अधिसूचना जारी कर जिला कलक्टर को यह भी अधिकार दिया कि वह एक महीने के अंदर लालगढ़ सैनिक छावनी एरिया, 10 एलएलजी, 19 एसडीएस, 21 एसडीएस और 7 एलएलजी की सीमाओं के संबंध में आपत्तियां मांगने, इन पर सुनवाई कर पुन: प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भिजवाने होंगे। इन प्रस्तावों को सरकार अपने स्तर पर अनुमोदन करेगी।
ज्ञात रहे कि 25 माचज़् 21 को राज्य सरकार ने लालगढ़ जाटान को नगर पालिका का दजाज़् देते हुए अधिसूचना जारी की थी। लालगढ़ जाटान को नगर पालिका का दजाज़् मिलने के बाद आसपास ग्रामीण इलाके को पालिका क्षेत्र की सीमा में शामिल नहीं करने पर कई लोगों ने कोटज़् की शरण ले ली थी।
इस वजह से राज्य के चुनाव आयोग ने जिला परिषद डायरेक्टरों और पंचायत समिति के प्रधान व डायरेक्टरों के चुनाव ऐन टाइम पर स्थगित कर दिए थे। जबकि जिला प्रशासन की ओर से लालगढ जाटान को नगर पालिका बनाए जाने के बाद शेष क्षेत्र में पंचायत समिति सदस्य की आरक्षण की लॉटरी की प्रक्रिया भी पूरी कर दी थी। लेकिन शेष रहे ग्राम पंचायत एरिया की सीमाओं के संबंध में विसंगतियों को दूर नहीं किया गया। इस विसंगतियों को अब दूर करने के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है।