पंजाब में व्यास नदी में शुगर मिल का शीरा बहने से हुए जल प्रदूषण को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी और राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को नई दिल्ली में इस मुद्दे पर तकनीकी कमेटी के साथ मंत्रणा की। उधर बुधवार को श्रीगंगानगर क्षेत्र में नहरी पानी की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है और जलदाय विभाग ने पानी की जांच के बाद भंडारण शुरू करवा दिया है।
केन्द्रीय जल आयोग के चेयरमैन, इंडस वाटर कमीशन में भारत के कमिश्नर सहित कई अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। इसी दौरान श्रीगंगानगर के नागरिकों का शिष्टमंडल दोनों मंत्रियों से मिला और उन्हें पंजाब से राजस्थान की नहरों में प्रदूषित पानी आने की जानकारी देकर समस्या के समाधान की मांग की। जल संसाधन राज्य मंत्री मेघवाल ने ‘पत्रिका Óको बताया कि नदी जल के प्रदूषण को लेकर गठित कमेटी की अगले माह चण्डीगढ़ में होने वाली नेशनल वाटर डवलपमेंट एसोसिएशन की बैठक में पंजाब में नदियों के पानी के प्रदूषण पर चर्चा होगी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केंद्र, राजस्थान व पंजाब सरकार को तलब किया
उधर राजस्थान एवं पंजाब की नहरों में दूषित जल के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केंद्र, राजस्थान एवं पंजाब सरकार को गुरुवार सुबह 10.30 बजे तलब किया है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ.जवाद रहीम ने राजस्थान एवं पंजाब के एक शिष्टमंडल को सुनने के बाद इस आशय के आदेश दिए। जालंधर एवं लुधियाना क्षेत्र में नहरों में दूषित जल, हानिकारक रसायन आदि डाले जाने के कारण इनके स्थानीय निकाय को भी उन्होंने समन के माध्यम से गुरुवार को तलब करने के निर्देश दिए।
जनहित याचिका दायर
जोधपुर . भाखड़ा नांगल डेम की तीन नहरों में पंजाब के लुधियाना के पास डाले जा रहे शराब की फैक्ट्रियों का शीरा अर्थात् तेजाबी पानी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता डीके गौड़ व देवेन्द्रसिंह की जनहित याचिका पर जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास व जस्टिस आरएस झाला की खंडपीठ ने केन्द्र सरकार, पंजाब सरकार व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 29 मई तक जवाब तलब किया है।