श्रीगंगानगर.डॉ भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय श्रीगंगानगर में ग्लोबल साउथ में भारत की बढ़ती भागीदारी से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (हाइब्रिड मोड) पर सोमवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि सहायक निदेशक बीकानेर के प्रोफेसर पुष्पेंद्र सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पुष्पेंद्र भारद्वाज, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की प्रोफेसर मीनू पूनिया व कार्यक्रम अध्यक्ष महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर बलवंत सिंह चौहान ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन व पुष्प अर्पण करके किया। उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर पुष्पेंद्र सिंह सब काम सरकार के भरोसे छोडऩे की मानसिकता को गलत बताते हुए अपनी जिम्मेदारी संभालने पर बल दिया। इस दौरान डॉ. संजीव बंसल को सेमिनार मैन का खिताब दिया। डॉ.पूनिया ने सेमिनार को संभाग स्तरीय स्वरुप दिए जाने पर कॉलेज प्रबंधन का आभार वक्त किया। संगोष्ठी के अंतर्गत पंजाब,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़, उत्तरप्रदेश से 600 से अधिक प्रतिभागियों की सहभागिता करते हुए ऑनलाइन व ऑफलाइन पेपर प्रजेंट किए। श्री जैन आदर्श सेवा संस्थान नोखा से अखिलानंद पाठक प्राचार्य एवं संयोजक,अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान प्रदेश सहसचिव व प्रोफेसर श्यामलाल ने ग्लोबल साउथ में भारत की बढ़ती सहभागिता व अर्थव्यवस्था पर सुझाव दिए। इस दौरान महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. मैनपाल की पुस्तक समाजशास्त्र: एक परिचय का विमोचन किया गया। मंच संचालन डॉ.परनीत जग्गी, डॉ. नवजोत भनोत व डॉ अरुण शहैरिया ने किया। सेमिनार के तीन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता रामवार, डॉ.राम सिंह राजावत, प्रो नवीन तिवारी, प्रो वी.एन सिंह ने की। समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्री धर्मसंघ संस्कृत महाविद्यालय श्रीगंगानगर संचालक कल्याण स्वरूप महाराज रहे। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वैश्वीकरण को बढ़ावा कार्यक्रम के दौरान वक्ता सतीश कुमार सोनी ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन की वजह से ही ग्लोबल साउथ की अवधारणा आ पाई है, इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है कि वैश्वीकरण को ओर बढ़ावा दिया जाए। हरियाणा से प्रदीप कुमार ने कहा कि ग्लोबल साउथ से पहले भारत को अपने स्थानीय भूगोल को ध्यान में रखते हुए कदम उठाना चाहिए। अहमदाबाद से भौतिक कुमार पटेल ने कहा आईटी जैसे सेवा क्षेत्र के सहारे भारत ग्लोबल साउथ की अगुवाई कर सकता है। विषय विशेषज्ञ डॉ.ज्योति प्रकाश ने अफ्रीका, लेटिन, अमरीका देशों को भारत के आर्थिक योगदान पर जोर देते हुए ग्लोबल साउथ के आर्थिक आधारों पर फोकस किया।