———चौपाल में वक्ताओं ने रखे मुद्दे : चौपाल में श्री अरोड़वंश सभा के पूर्व अध्यक्ष कुन्दनलाल चुघ ने कहा कि शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य की भी गारंटी सरकारों को देनी चाहिए। बार संघ अध्यक्ष रविन्द्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए शत-प्रतिशत मतदान जरूरी है। रोटी, कपड़ा व मकान के मुद्दों को भी नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जनप्रतिनिधि राजनीति को सेवा का माध्यम बनावें, न कि पेशेवर राजनीति करें। चुनाव के समय पार्टियों की ओर से जो घोषणा-पत्र जनता के बीच रखे जाते हैं। उस घोषणा-पत्र को पार्टी चुनाव जीतने के बाद ईमानदारी से लागू करने का कार्य भी करे। भारत क्लब सेवा समिति अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। शिक्षा का खर्च भी आसमान को छू रहा है। बेरोजगारी की समस्या विकराल रूप धारण किए हुए है। ऐसी स्थिति में हमें ऐसी सरकार को चुनना चाहिए, जो गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई की समस्या का समाधान स्थायी रूप से कर सके। साहित्यकार लक्ष्मीनारायण सहगल ने कहा कि भारतीय संविधान में दिए गए नीति-निदेशक तत्वों पर चलने वाली लोक कल्याणकारी सरकार होनी चाहिए, ताकि सभी का भला हो सके। रक्षा बजट के समान ही किसान हित के लिए बजट का प्रावधान होना चाहिए, ताकि धरती पुत्र की दिशा व दशा बदल सके। अधिवक्ता दर्शन सिंह बराड़ व अनिरूद्ध खालिया ने कहा कि गैस, पेट्रोल व डीजल के दाम के साथ-साथ महंगाई को भी कम किया जाना चाहिए। किसान को समृद्ध करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू की जानी चाहिए। चौपाल में राजस्थान पत्रिका संवाददाता आकाश मदन अरोड़ा ने पत्रिका के जागो जनमत अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी व उपस्थित जनों ने अभियान को लेकर पत्रिका को साधुवाद दिया।
चौपाल में इन्होंने भी रखे मुद्दे प्रबुद्ध नागरिक देवप्रकाश चावला, केवल अग्रवाल, कृष्ण जालप, संजीव सिहाग, गोपाल सिंह राठौड़, कंचन सेतिया, लाभ सिंह सोलंकी, धर्मेन्द्र खीचड़, श्रवण सांखी, रामकुमार जालवाल, दलविन्द्र नागर, करनी सिंह राठौड़, थावरदास सेठी, कृपाल सिंह, ग्रामीण क्षेत्र के मुखत्यार सिंह, उदयपाल वर्मा, हंसराज वर्मा, अमरजीत सिंह, नारायण सिह, इन्द्राज, पृथ्वी सिंह, सुभाष सहारण आदि ने भी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षाओं पर अपने विचार चौपाल में साझा किए।