चांडक ने विधायक गौड़ को इलाके में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर कई बार कोसा है। वहीं गौड़ का कहना है कि उन्होंने कभी छिछोरी राजनीतिक नहीं की। बेवजह उनके नाम का इस्तेमाल कर चंद लोग अपनी राजनीति चमकाने में लगे है लेकिन हकीकत जनता जानती है। इन दोनों के आरोप प्रत्यारोप का आरोप पिछले ढाई साल से चल रहा है।
हालांकि नगर परिषद के चुनाव में गौड़ ने चांडक को एेन टाइम पर समर्थन देकर इलाके में नया राजनीति समीकरण बदलने का प्रयास किया था। लेकिन चांडक ने इस समर्थन में भी राजनीतिक पैंतरा बताकर फिर से गौड़ के खिलाफत मोर्चा खोल दिया है।
ताजा घटनाक्रम व्यापारी नेता और अरोड़वंश समाज के पूर्व अध्यक्ष जोगेन्द्र बजाज के बेटे दक्ष बजाज की ओर से स्वतंत्रता दिवस पर शहर में बैँक लूटपाट और फायरिंग की अफवाह फैलाने को लेकर हुआ है। पुलिस ने इस अफवाह फैलाने वाले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
इस गिरफ्तारी से भड़के कांग्रेस नेता अशोक चांडक, बिहाणी शिक्षा न्यास के जयदीप बिहाणी, संयुक्त व्यापार मंडल तरसेम गुप्ता आदि ने पुलिस अधीक्षक और कोतवाली सीआई से मिलकर नाजायज रूप से दक्ष बजाज को फंसाने का आरोप लगाया है
चांडक ने फिर से विधायक गौड़ और उनके भानजे सुनील पहलवान का नाम घसीट लिया है। इधर, विधायक गौड़ का कहना है कि वे ही लोग शफूगा छोड़ रहे थे कि इलाके की कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
यह अफवाह कौन फैला रहा था, इसकी जांच जब पुलिस ने सख्ती से शुरू की तो अब उन ही लोगों के पेट में दर्द हो रहा है कि यह कदम पुलिस गलत उठा रही है।
एक तरफ पुलिस को काम नहीं करने का ओलमा तो दूसरी ओर सख्त कार्रवाई पर भी शिकायतें, दोनों एक साथ नहीं चल सकते। विधायक गौड़ ने चांडक का नाम लिए बिना कहा कि चंद लोग शहर की छवि बिगाडऩे मे लगे है, इसे गंगानगर ही रहने दो बस।
उन्होंने केदारजी और राधेश्याम गंगानगर का नाम लेते हुए उदाहरण दिया कि एेसे राजनीतिक भी इलाके में हुए है जिन्होंने विरोधी होते हुए भी एक दूसरे को आदर सम्मान दिया। इलाके का सौहार्द बिगडऩे नहीं दिया। यही माहौल हम देना चाहते है लेकिन चंद लोग जानबूझकर यह अफवाह फैलाकर माहौल खराब करना चाहते है। जनता सबकी हरकतें देख रही है कि कौन सही है या कौन गलत। उन्होंने एेसी घटिया मानसिकता वाली राजनीतिक से परहेज करने का आग्रह किया।
ज्ञात रहे कि अरोड़वंश समाज के पूर्व प्रधान जोगेन्द्र बजाज को दो साल पहले गैंगस्टरों की ओर से जान से मारने की धमकियां मिली थी, तब पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा भी दी गई।
यह मामला शांत होने के बाद वे चांडक खेमे में आ गए। पिछले सप्ताह चांडक ने नगर विकास न्यास के अध्यक्ष पद का मनोनयन करने के लिए सरकार से बजाज के नाम की सिफारिश करने की बात सार्वजनिक की थी। इस घोषणा से बजाज फिर से चर्चा में आ गए।