जांच अधिकारी ने बताया कि 17 अक्टूबर को गांव 6 एचएच निवासी चालीस वर्षीय इन्द्रजीत शराब के ठेके पर शराब पीने गया था। वहां सुशील, अमनदीप आदि भी पहुंचे थे। इस दौरान टेबल पर बैठने पर इन्द्रजीत ने अपना गुस्सा जताते हुए सुशील और उसके साथियोें को वहां से खड़ा कर दिया। इस बात पर सुशील और उसके साथियों ने खुद की किरकिरी महसूस की और इन्द्रजीत को सबक सिखाने का इरादा कर लिया। चार दिन बाद 21 अक्टूबर को किसी बहाने से इन्द्रजीत से संपर्क कर एक साथ शराब पीने का प्रस्ताव रखा।
अत्यधिक पिटाई से मौत
इन्द्रजीत ने उसी समय हामी भर दी और अपने घर से आ गया। महियांवाली गांव के रहने वाले सुशील पुत्र बलराम मेघवाल, अमनदीप पुत्र कालूराम, अनिल पुत्र विनोद मेघवाल व राहुल पुत्र भीमसेन कुम्हार ने मिलकर महियांवाली की श्मशान भूमि सुलेमान हैड के पास 1 के के गांव के सरकारी स्कूल की भूमि में जाकर शराब पीने लगे। जब इन्द्रजीत पर शराब पीकर नशा छाने लगा तो इन लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। चोटें अधिक लगने के कारण इन्द्रजीत की मौके पर मौत हो गई।
नहर में फेंका शव
वारदात को छुपाने के लिए चारोें आरोपियों ने शव को नहर में फेंक दिया। इसके बाद चारों अपने घर की ओर चले गए। 21 से 24 अक्टूबर तक इन्द्रजीत जब घर नहीं आया तो परिजनों ने चूनावढ़ थाने की शरण लेते हुए गुमशुदगी दर्ज कराई। इस दौरान इन्द्रजीत का शव जैतसर के पास गंगनहर में मिला तो परिजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों में इन्द्रजीत की हत्या की बात मृतक इन्द्रजीत के भाई गांव महियांवाली निवासी महेंद्र पुत्र दानाराम कुम्हार तक पहुंच गई। इसके बाद मृतक के भाई ने चूनावढ़ थाने में मामला दर्ज कराया।