श्री गंगानगर

Success Story: राजस्थान के सगे भाई-बहन का एक साथ हुआ RJS में चयन, खुशखबरी सुनते ही DJ पर नाचने लगे परिजन

Motivational Story: लवली और अरुण ने बारहवीं कक्षा के बाद जयपुर में आगे की पढ़ाई की, जहां उन्होंने अपने समर्पण और मेहनत से यह सफलता प्राप्त की।

श्री गंगानगरOct 28, 2024 / 10:59 am

Akshita Deora

लवली व अरुण के आरजेएस में चयन होने का समाचार मिलते ही डीजे पर झूमते परिजन।

RJS Result 2024: राजस्थान के अनूपगढ़ जिले की मंडी रायसिंहनगर क्षेत्र के दो सगे भाई-बहनों सहित तीन अभ्यर्थियों का राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) में चयन हुआ है। गांव 10 पीएस निवासी घनश्याम दास चन्दानी की पुत्री लवली चंदानी ने शानदार सातवीं रैंक हासिल की, जबकि उनके भाई अरुण कुमार चंदानी ने 103वीं रैंक प्राप्त की। व्यवसायी घनश्याम दास चन्दानी ने बताया कि उनकी पत्नी मोहिनी देवी गृहणी हैं। उनके दो ही बच्चे हैं और दोनों ही पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लवली और अरुण ने बारहवीं कक्षा के बाद जयपुर में आगे की पढ़ाई की, जहां उन्होंने अपने समर्पण और मेहनत से यह सफलता प्राप्त की। इस सफलता के साथ ही नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष राजपाल लोटिया के सुपुत्र राजकमल ने भी अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग में आरजेएस परीक्षा में सफलता पाई है। राजकमल के चयन से परिवार और समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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आरजेएस के नतीजों में अनूपगढ़ के अनुराग ने पाई 198वीं रैंक


सपने देखो संघर्ष करो और सफल बनो, ऐसा ही है अनूपगढ़ के पहले आरजेएस अनुराग की संघर्ष से सफलता तक सफर। वार्ड 24 के रहने वाले अनुराग पुत्र मघाराम खंड ने रविवार घोषित हुए राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) में 198 वीं रैंक पाई है। अपनी पढ़ाई के समय में ही उन्होंने लक्ष्य निर्धारण किया। एलएलबी करने के बाद से ही उन्होंने आरजेएस की परीक्षा पास करने का सपना देखा था। बीए, एलएलबी करने के बाद वे 6 सालों से दिल्ली और जयपुर में रहकर आरजेएस की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में दो बार आरजेएस की परीक्षा में उनका प्री क्लियर हो पाया था, परन्तु मेन में सफलता नहीं मिल पा रही थीं, जिस कारण वे हताश हो चुके थे। उनके पिताजी ने उनका दोबारा हौसला बढ़ाया। उनकी ओर से प्रेरित करने पर वे तीसरी बार पूरी मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जुट गए। जयपुर में रहकर वे 16 से 18 घंटे पढ़ाई करते थे जिसका परिणाम यह हुआ कि इस बार उन्हें सफलता भी मिली। अनुराग ने इस सफलता का श्रेय पिता मघाराम खंड और मां चंद्रकला को दिया है।
अनुराग को राजस्थानी साफा पहनाकर समानित करते परिवार तथा मोहल्ले के लोग।

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बधाई देने वालों का तांता लगा


अनुराग ने यह सफलता हासिल करके अनूपगढ़ जिले को भी गौरवान्वित किया है। अनुराग की पत्नी अनुष्का आरएएस की तैयारी कर रही हैं। अनुराग खण्ड का आरजेएस में चयन होने पर नगरपरिषद सभापति प्रियंका बैलान, ग्राम पंचायत 12 ए के सरपंच वासुदेव, राजस्थान मेघवाल समाज संस्थान के जिलाध्यक्ष गणपत राज ब्यावत, भागीरथ जैपाल, पंकज सहित बड़ी संख्या में लोगों ने उनके घर पहुंचकर पटाखे फोड़कर और अनुराग और उसके परिवार के सदस्यों को मिठाई खिलाकर बधाइयां दी। अनूपगढ़ कोर्ट के सरकारी वकील तिलकराज चुघ ने बताया कि अनुराग खंड अनूपगढ़ के पहले आरजेएस चयनित हैं। अब तक अनूपगढ़ का कोई भी युवक मजिस्ट्रेट नहीं बन पाया है।

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