वे बाबा सोमप्रकाश कुटिया में जारी श्रीमद्भागवत कथा में शुक्रवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की व्याख्या की। कथावाचक ने कहा कि सार्थक भक्ति के लिए पाखंड, अहंकार व कर्मकांड से हटकर ईश्वर से ‘भावपूर्ण’ प्रेम करना आवश्यक है।
कथावाचक ने पूतना वध के बाद गोर्वधन पर्वत उठाने संबंधी प्रसंग में बताया कि जब इंद्र को अंहकार हो गया और उन्होंने बृजवासियों को परेशान किया तो भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का अंहकार तोडऩे के लिए अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों की रक्षा की।
उन्होंने ‘मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है…’ आदि भक्ति रचनाएं सुनाई। कुटिया के महंत वासुदेव दास के सानिध्य में 22 सितंबर तक कथा होगी। अगले दिन यज्ञ के साथ भंडारा होगा। कथा में भजन गायक गोपालमोहन भारद्वाज व मुख्य यजमान किशन सिंगला सहित काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।