Rajasthan News : देश के सबसे पुराने हाईवे में शुमार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-62 पर भले ही दिन-रात हजारों वाहनों का आवागमन रहता है, लेकिन इस हाईवे का सूरतगढ़ से बीकानेर के बीच करीब 40 किमी भाग आज भी हवा में है। सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन राजस्व विभाग का रिकॉर्ड तो कम से कम यही कहता है। राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में लगभग चार दशक पुराना यह नेशनल हाईवे सूरतगढ़ में अस्तित्व में ही नहीं है। हालांकि बीकानेर से श्रीगंगानगर के बीच वर्ष 2018 में नेशनल हाईवे का पुनर्निर्माण भी करवाया गया था, लेकिन राजस्व विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग (नेशनल हाईवे) के पूर्ववर्ती अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज तक इस नेशनल हाईवे के इस 40 किमी भाग का राजस्व रिकॉर्ड में अंकन नहीं हो सका है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। ऐसे में नेशनल हाईवे का राजस्व रिकॉर्ड में ही दर्ज नहीं होना एक बड़ी विभागीय चूक है।
गजट उपलब्ध नहीं करवाना है बड़ी वजह
सूरतगढ़ कन्हैयालाल सोनगरा ने कहा नेशनल हाईवे संख्या-62 सूरतगढ़ से बीकानेर के बीच क्षेत्र में लगभग 40 किमी भाग राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने की बात सामने आई है। इसका कारण सार्वजनिक निर्माण विभाग एनएच की तरफ से गजट उपलब्ध नहीं करवाना बताया गया है। इस संबंध में अधिकारियों को संबंधित विभाग से गजट लेकर हाईवे को रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह भी पढ़ें – रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का राजस्थान से वादा, जल्द मिल सकती है वंदे भारत मेट्रो और वंदे स्लीपर की सुविधा