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श्री गंगानगर

Rajasthan News : सूरतगढ़-बीकानेर के बीच 40 किमी हाईवे गायब, सुनने में अजीब है, पर है सच

Rajasthan News : सुनने में अजीब है, पर यह बात सच है। सूरतगढ़-बीकानेर के बीच 40 किमी हाईवे गायब हो गया है। पूरी कहानी सुनेंगे तो रह जाएंगे दंग।

श्री गंगानगरJul 25, 2024 / 02:25 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan News : सूरतगढ़-बीकानेर के बीच 40 किमी हाईवे गायब, सुनने में अजीब है, पर है सच

हनुमंत ओझा
Rajasthan News : देश के सबसे पुराने हाईवे में शुमार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-62 पर भले ही दिन-रात हजारों वाहनों का आवागमन रहता है, लेकिन इस हाईवे का सूरतगढ़ से बीकानेर के बीच करीब 40 किमी भाग आज भी हवा में है। सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन राजस्व विभाग का रिकॉर्ड तो कम से कम यही कहता है। राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में लगभग चार दशक पुराना यह नेशनल हाईवे सूरतगढ़ में अस्तित्व में ही नहीं है। हालांकि बीकानेर से श्रीगंगानगर के बीच वर्ष 2018 में नेशनल हाईवे का पुनर्निर्माण भी करवाया गया था, लेकिन राजस्व विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग (नेशनल हाईवे) के पूर्ववर्ती अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज तक इस नेशनल हाईवे के इस 40 किमी भाग का राजस्व रिकॉर्ड में अंकन नहीं हो सका है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। ऐसे में नेशनल हाईवे का राजस्व रिकॉर्ड में ही दर्ज नहीं होना एक बड़ी विभागीय चूक है।

गजट उपलब्ध नहीं करवाना है बड़ी वजह

सूरतगढ़ कन्हैयालाल सोनगरा ने कहा नेशनल हाईवे संख्या-62 सूरतगढ़ से बीकानेर के बीच क्षेत्र में लगभग 40 किमी भाग राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने की बात सामने आई है। इसका कारण सार्वजनिक निर्माण विभाग एनएच की तरफ से गजट उपलब्ध नहीं करवाना बताया गया है। इस संबंध में अधिकारियों को संबंधित विभाग से गजट लेकर हाईवे को रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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राजस्व रिकॉर्ड में अंकित नहीं

तहसीलदार सूरतगढ़ हाबूलाल मीणा ने कहा नेशनल हाईवे का सूरतगढ़ से अर्जुनसर तक का भाग राजस्व रिकॉर्ड में अंकित नहीं है। हालांकि कुछ स्थानों पर हाईवे दर्ज भी है। इसका मुख्य कारण चक प्लान का धरातलीय स्थिति से मैच नहीं होना है। साथ ही पीडब्ल्यूडी एनएच ने भी गजट प्रस्तुत कर हाईवे को दर्ज नहीं करवाया है।

पहले NH-15 नाम से जाना जाता था

1986 में बने इस नेशनल हाईवे को पूर्व में एनएच-15 के नाम से जाना जाता था। गुजरात के कांडला से पंजाब के अमृतसर तक बना यह हाईवे देश के सबसे बड़े हाईवे में भी शामिल था। इसमे एनएच 65 और 14 का भी कुछ भाग शामिल था। लेकिन सूरतगढ़ क्षेत्र में उपनिवेशन विभाग के आधे अधूरे रिकॉर्ड तथा राजस्व विभाग की ओर से खसरों की चकबंदी व तरमीम के अभाव में राजस्व विभाग ने इसे रिकॉर्ड में अंकित करने में रुचि नहीं दिखाई। हालांकि तब केंद्र की ओर से इसका गजट नोटिफिकेशन भी निकाला गया था। जिसके आधार पर नेशनल हाईवे को रिकॉर्ड में अंकित किया जा सकता था।
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