उन्होंने बताया कि अभी तक जिनकी ई-केवाईसी नहीं हुई है उन्हें अक्टूबर माह में तो राशन मिल जाएगा लेकिन नवंबर में राशन की सुविधा बंद हो जाएगी। प्रभारी मंत्री ने बताया कि नवंबर से ही प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नए नाम जोड़ने में पारदर्शिता बरती जाएगी। जो पात्र हैं, उन्हें योजना का लाभ मिले, इसके लिए ग्राम स्तर पर चार सदस्य की समिति बनाकर सभी सदस्यों की अनुशंसा पर ही नए नाम जोड़े जाएंगे।
दस लाख नए नाम जोड़े
प्रभारी मंत्री गोदारा ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में 10 लाख नए नाम जोड़े गए हैं। सक्षम लोगों के योजना से बाहर होने पर होने पर यह नाम जुड़े हैं। इनमें 1 लाख 70 हजार दिव्यांग, नव विवाहित महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। भविष्य में हमारी योजना विधवा महिलाओं, कचरा बीनने वाले और घुमन्तू परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने की है।
ये लोग लिस्ट से बाहर
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि जिनके पास निजी वाहन के रूप में चौपहिया वाहन है उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर कर दिया जाएगा। उनकी जगह वंचितों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। चौपहिया वाहनों में ट्रैक्टर और कॉमर्शियल वाहन शामिल नहीं है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में ई-केवाईसी जरूरी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में राशन पाने के पात्र परिवारों के लिए पोस मशीन के जरिए राशन कार्ड में दर्ज परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी जरूरी है। जिले में अब तक बायोमेट्रिक सत्यापन से 85.16 प्रतिशत सदस्यों की ई-केवाईसी हो चुकी है। ई-केवाईसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में की जा रही है। जिले में राशन कार्ड धारकों की संख्या 7 लाख 28 हजार 635 है। इनमें से 6 लाख 20 हजार 529 राशन कार्डों की ई-केवाईसी का काम पूरा हो चुका है।