इस कारण ग्राहकी एकाएक बंद हो गई थी। लेकिन अब कोरोना का प्रकोप धीमा होने पर बाजार में फिर से रौनक आ गई है। इस रक्षाबंधन पर दुकानदारों ने भाई-बहन की फोटोवाली राखियां मंगवाई है।
इन राखियों की डिमांड एकाएक बढ़ गई है। पचास रुपए से लेकर डेढ़ सौ रुपए तक बिकने वाली इन राखियों में छोटे से फ्रेम में भाई या बहन या भाई बहन दोनों की फोटो लेमिनेशन करवाकर चस्पा दी जाती है। अंग्रेजी व्याकरण के अक्षर भी अंकित किए जाते है। जिला मुख्यालय के अलावा सूरतगढ़, पदमपुर, रायसिंनगर, श्रीकरणपुर, सादुलशहर, अनूपगढ़ एरिया में भी इन राखियों की एकाएक डिमांड बढ़ी है।
इन राखियों को तैयार कराने के लिए दुकानदार के पास चौबीस घंटे बुकिंग भी करवानी पड़ती है। दुकानदार ओम प्रकाश मित्तल का कहना है कि फोटो और लेमिनेशन तैयार कराने में समय लगता है।
एक साथ बीस से तीस पीस तैयार कराए जा रहे है। भाई की फोटोवाली राखियां आकर्षक का केन्द्र बनी हुई है। इधर, रेडीमेड कपड़ो और लेडिज सूटों की दुकानों पर महिलाओं का अधिक भीड़ रही। महिलाओं ने खुद के अलावा अपने नजदीकी रिश्तेदारों को गिफ्ट देने के लिए लेडिज सूट की अधिक खरीददारी की। वहीं पुरुषों ने भी अपनी बहन को सरप्राइज गिफ्ट देने के लिए खरीददारी पर फोकस रखा।
सुबह से ही बाजार में परिवार सहित खरीददारी का दौर शुरू हो गया जो रात आठ बजे तक जारी रहा। वहीं विभिन्न डिजाइनों की राखी खरीदने के लिए हर उम्र के लोग पहुंचे। दुकानदारों ने भी राखियां बेचने के लिए दुकानों के आगे काउण्टर लगाए है।
इधर, जूतों के शोरूम, मनियारी की दुकानों, गिफ्ट हाउस की दुकानों पर खूब खरीददारी हो रही है। इस बीच, बाजार में इस बाजार कार्टून पात्रों की राखियों की धूम है। इसमें छोटा भीम, स्पाइडर मैन व डोरेमान, नोबेता करेक्टर की राखियां लुभा रहीं हैं।
इसके साथ साथ पुराने धागे से बनी राखियां बुजुर्गो के लिए बाजार में आई है। वहीं युवाओं के लिए चमकाते रक्षा सूत्र की राखियों की अधिक क्रेज है। कोरोना महामारी का असर राखियों पर पड़ा है। बाजार में इस बार चाइनीज राखियां एकाएक गायब हो गई है।
दुकानदार नरेश ने बताया कि ज्यादातर राखियां देश के विभिन्न इलाकों से आई है। राखियां पिछले साल की तुलना में इस बार बीस से पच्चीस प्रतिशत महंगी है। इसके बावजूद भी राखियों की बिक्री पर कोई असर नहीं हुआ है। रक्षा बंधन पर मिठाई विक्रेताओं ने भी इस बार घेवर सहित कई मिठाईयां स्पेशल तैयार की है।
घेवर की बिक्री ज्यादातर तीज पर होती है। लेकिन कई परिवारों ने रक्षा बंधन को देखते हुए इसकी खरीददारी शुरू की है। महंगी मिठाईयां होने के बावजूद इस पर्व पर खरीददारी पर असर नहीं पड़ा है।
दुकानदारों की माने तो खाद्य तेलों और घी में करीब बाइस प्रतिशत बढोत्तरी हो चुकी है। इसका असर मिठाईयों के दामों पर दिखाई देने लगा है।