मनुष्य के अच्छे कर्म, भलाई, सेवा ही उसके साथ जाएगी। काया और माया यही रह जाएगी। यह बात कथावाचक राजेन्द्रानंद ने बुधवार को श्रीगुरु जम्भेश्वर मंदिर में आयोजित जाम्भाणी हरिकथा में कही। उन्होंने कहा कि काम , क्रोध और लोभ में नरक के तीन द्वार है। इनका परित्याग करना चाहिए। प्रत्येक गृहस्थ के घर में खाना बनाते समय पहली रोटी गाय की और अंतिम रोटी कुत्ते की बनानी चाहिए। कथा के बाद सामूहिक आरती हुई और प्रसाद वितरित किया गया। श्रीबिश्नोई सभा समिति सचिव कालूराम खीचड़ ने बताया कि एक मार्च की रात्रि को जागरण होगा और दो मार्च प्रात हवन यज्ञ होगा।
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