Video: बच सकती थी चार वर्षीय बालिका शीया की जान
पूर्णाहुति के साथ कथा सम्पन्न
राजियासर.
कस्बे में चल रही श्रीमद्भागवत कथा व पंच कुंडलीय शतचंडी महायज्ञ बुधवार को पूर्णाहुति व प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक लोकेश संस्कृत सारस्वत ने भागवत का सार बताया और कहा कि परमात्मा, करूणा व दया का सागर है। मनुष्य मांगते मांगते नहीं थकता, लेकिन परमात्मा देते हुए नहीं थमकता। कथा के अंतिम दिन 200 कन्याओं को पूजन के बाद भोजन करवाया गया। कथा में बड़ी संख्या में पहुंची महिला श्रद्धालु अपने-अपने कलश वापस अपने घर लेकर आई। कथा में कल्याण स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, केशव स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, आचार्य जितेंद्र शुक्ल, साजन राम खारडयि़ा, जगदीश स्वामी,
दिनेश शर्मा , चंपालाल औझा, पवन शर्मा, ताराचंद, नंदलाल वर्मा आदि मौजूद रहे।
नानी बाई को मायरो का समापन
जैतसर.
कस्बे में पिछले करीब सात दिनों से चल रही लोककथा नानी बाई को मायरो का मंगलवार रात को समापन हो गया। भगवान श्रीकृष्ण की ओर से भक्त नरसी मेहता की बेटी का भात भरने के प्रसंग केे साथ ही कथा का भव्य समापन हुआ। आयोजन समिति से जुड़े आनंद शास्त्री ने बताया कि कथा के अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण के नानी बाई को मायरो भरने के भावपूर्ण दृश्य ने कथा का रसपान कर रहे श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। प्रसंगवश भक्तों ने भी भगवान श्रीकृष्ण एवं भक्त नरसी मेहता की जयकार के साथ माहौल को कृष्णमय कर दिया। कथावाचक महेन्द्र शास्त्री ने कथा सुनाते हुए कहा कि यदि ईश्वर के प्रति सच्ची निष्ठा एवं भक्तिपूर्ण भाव रखा जाये तो भक्त को परमात्मा न केवल दर्शन देते हैं अपितु हर सुख-दु:ख में उसका साथ भी देते हैं। इस मौके पर मुकेश कुमार गौरीसरिया, राजकुमार सारस्वत, नीरज शर्मा, दलीप गौैरीसरिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौैजूद रहे।