जानकारी अनुसार कार्यक्रम का आगाज श्रीझूलेलाल मंदिर में पूजा अर्चना से किया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान झूलेलाल की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाया। बाबा चतुर्भुज लालवानी के सानिध्य में पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जेखें झूलन जो मिलयो प्यार, आहे खुशहाल…ऊहो हथ मथे करे व जेको चवंदा झूलेलाल तहिंजा थींदा बेड़ा पार सहित अन्य कई धार्मिक रचनाएं पेश की। मंदिर में ढोल-नगाड़े के साथ डांडिया नृत्य भी किया गया। दोपहर को सिंधी धर्मशाला में लंगर बरताया गया। अध्यक्ष जगदीश सूर्यवंशी, सचिव अजय छाबड़ा, उपाध्यक्ष अशोक ककवानी, भगवानदास पोपटानी, कोषाध्यक्ष मुरलीधर भावनाणी, सह-कोषाध्यक्ष जयभगवान मानवानी, प्रहलादराय छाबड़ा, विजय मिगलानी, पूर्ण टेकवानी, जितेंद्र भावनाणी, श्याम लखीसराणी, महादेव प्रसाद मानवानी, राजा बोधिजानी व भानुशाली सिंधी धर्मशाला अध्यक्ष रमेश गजरा आदि ने व्यवस्था में सहयोग किया।
शाम को निकाली बहराणा साहब की झांकी वहीं, शाम को ज्योति प्रज्वलित कर बहराणा साहब की झांकी निकाली गई जो कस्बे के मुख्य मार्गों से होकर निकली। डीजे पर बज रहे भजनों पर नृत्य करने के साथ श्रद्धालु डांडिया खेलते हुए नजर आए। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने कच्ची थेड़ी स्थित बाबा रामदेव मंदिर के निकट जोहड़ पर ज्योति प्रवाहित की। देर शाम सिंधी धर्मशाला में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। इस अवसर समाज की ओर से सहभोज भी किया गया। सचिव ने बताया कि अगले दो दिन तक बहराणा साहब की ज्योत शहनाई वादन व डांडिया कलाकारों के साथ घर-घर तक पहुंचेगी।