ऐसे मामले में भी पाकिस्तान ने नहीं दिखाई संवेदनशीलता
पिछले तीन दिनों से पाकिस्तानी अधिकारियों व चिकित्सकों के नकारात्मक रवैये के चलते शव को भारत लाने में अड़चन पैदा हो रही थी। रविवार को दिनभर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रही कमी शव परिजनों के सुपुर्द करने में आड़े आती रही। रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मौत का कारण नहीं दर्शाने से शनिवार देर रात पाकिस्तानी अधिकारियों ने शव देने से इन्कार कर कर दिया था। रविवार को अवकाश होने से रिपोर्ट दुरुस्त करवाने में दिन भर परिजन लाहौर में अधिकारियों व चिकित्सकों के चक्कर लगाते रहे।
पिछले तीन दिनों से पाकिस्तानी अधिकारियों व चिकित्सकों के नकारात्मक रवैये के चलते शव को भारत लाने में अड़चन पैदा हो रही थी। रविवार को दिनभर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रही कमी शव परिजनों के सुपुर्द करने में आड़े आती रही। रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मौत का कारण नहीं दर्शाने से शनिवार देर रात पाकिस्तानी अधिकारियों ने शव देने से इन्कार कर कर दिया था। रविवार को अवकाश होने से रिपोर्ट दुरुस्त करवाने में दिन भर परिजन लाहौर में अधिकारियों व चिकित्सकों के चक्कर लगाते रहे।
विदेश मंत्रालय से सम्पर्क कर शव लाये जाने के प्रयास शुरू हुए
इधर, परिजनों व ग्रामीणों की मांग पर सांसद निहालचंद चंद द्वारा लगातार विदेश मंत्रालय से सम्पर्क कर शव भारत लाये जाने के प्रयास किये जा रहे थे। पाकिस्तान में रह रहे परिजनों के प्रयासों से रविवार शाम को रिपोर्ट तैयार कर साथ गई मृतक की पत्नी से लाहौर व बॉर्डर पर इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा पूछताछ व कागजी औपचारिकता पूरी कर रात साढ़े नो बजे शव बाघा बॉर्डर पर तीन दिन से इंतजार कर रही मृतक की बेटियों व परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
इधर, परिजनों व ग्रामीणों की मांग पर सांसद निहालचंद चंद द्वारा लगातार विदेश मंत्रालय से सम्पर्क कर शव भारत लाये जाने के प्रयास किये जा रहे थे। पाकिस्तान में रह रहे परिजनों के प्रयासों से रविवार शाम को रिपोर्ट तैयार कर साथ गई मृतक की पत्नी से लाहौर व बॉर्डर पर इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा पूछताछ व कागजी औपचारिकता पूरी कर रात साढ़े नो बजे शव बाघा बॉर्डर पर तीन दिन से इंतजार कर रही मृतक की बेटियों व परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
शव लेकर रात को ही गांव के लिए रवाना सुलतान खान की पत्नी भी पति के शव के साथ वापिस लौट आई। वाघा बॉर्डर ( Wagah Border ) से मृतक की बेटियां सकीना, सुरैया, भाई अलादित्ता खां, भतीजा नियामत अली, पूर्व सरपंच सत्तारे खां, ग्राम सेवा सहकारी समिति व्यवस्थापक सुभाष गहलोत, मुमताज खान आदि शव लेकर रात को ही गांव के लिए रवाना हो गये। अब सुलतान को अपने वतन हिंदुस्तान की मिट्टी नसीब होगी।