श्री गंगानगर

चिकित्सालयों में नवजात शिशुओं का बढ़ा सुरक्षा चक्र

सूरतगढ़.श्रीगंगानगर जिले के शिशु संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा मिल रहा है,जिसके परिणामस्वरूप सरकारी चिकित्सालयों में डिलीवरी में वृद्धि हो रही है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय चिकित्सालयों में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच व उपचार की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। शिशु संरक्षण के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इनमें गर्भवती महिलाओं को नियमित जांच और उपचार की सुविधा प्रदान करना, संस्थागत डिलीवरी के लिए प्रेरित करना और शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास शामिल है।

श्री गंगानगरNov 08, 2024 / 07:10 pm

Jitender ojha

सूरतगढ़.श्रीगंगानगर जिले के शिशु संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा मिल रहा है,जिसके परिणामस्वरूप सरकारी चिकित्सालयों में डिलीवरी में वृद्धि हो रही है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय चिकित्सालयों में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच व उपचार की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। शिशु संरक्षण के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इनमें गर्भवती महिलाओं को नियमित जांच और उपचार की सुविधा प्रदान करना, संस्थागत डिलीवरी के लिए प्रेरित करना और शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास शामिल है।

मिल रहा योजनाओं का लाभ

क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी पूर्व में घरों व निजी चिकित्सालयों में अधिक होती थी।लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं के तहत शिशु जन्म दर के सुरक्षा चक्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इस वजह से संस्थागत डिलीवरी का आंकड़ा बढ़ गया है।इसमें प्रधानमंत्री मातृत्व दिवस, टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम, लेबर रूम स्टाफ को दक्षता प्रशिक्षण, एमटीसी सेंटर, अनिमिया मुक्त भारत, विटामिट ए, पीसीटीएस सॉफ्टवेयर आदि कार्यक्रम शामिल है। वही, संस्थागत डिलीवरी में वृद्धि के कारणों में से एक गर्भवती महिलाओं को जागरूक करना और उन्हें संस्थागत डिलीवरी के फायदे के बारे में बताना है। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना और संस्थागत डिलीवरी के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास करना भी महत्वपूर्ण कारक हैं। इस वृद्धि से श्रीगंगानगर में शिशु और माता के स्वास्थ्य में सुधार होने की उम्मीद है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो श्रीगंगांनगर जिले में वर्ष 2023-24 में अबतक18291महिलाओं की डिलीवरी हुई। इसमें से 5464 गर्भवती महिलाओं के सिजेरियन ऑपरेशन हुए। जबकि18237 शिशुओं का जन्म हुआ।
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सीएचसी सूरतगढ़ में बढ़ा डिलीवरी का ग्राफ

सूरतगढ़ सीएचसी में डिलीवरी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सूरतगढ़ सीएचसी के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2019 में 987 डिलीवरी व सिजेरियन 0,2000 में 1127 डिलीवरी व सिजेरियन 0, 2021 में 1362 डिलीवरी व सिजेरियन 79, 2022 में 1163 डिलीवरी व सिजेरियन 9, 2023 में 1954 डिलीवरी व 123 सिजेरियन, 2024 में अबतक 1903 डिलीवरी हो चुकी है। जबकि इसमें से 232 सिजेरियन डिलीवरी हुई है। सीएचसी के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.मांगीलाल लेघा ने बताया कि संस्थागत डिलीवरी के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। सीएचसी गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच के साथ साथ डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध है। इस वजह से सरकारी चिकित्सालय में डिलीवरी करवाने के लिए गर्भवती महिलाएं आ रही है।
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श्रीगंगानगर जिले में डिलीवरी की स्थिति

वर्ष डिलीवरी सिजेरियन शिशु जन्म
2021-22 31390 6080 31239
2022-23 32141 6547 32093
2023-24 18291 5464 18237

सरकारी चिकित्सालयों में बढ़ रही सुविधाएं

नागरिकों का कहना है कि सरकारी चिकित्सालयों में गर्भवती महिलाओं का नियमित रुप से जांच कार्य हो रहा है। इसके अलावा चिकित्सालयों में उचित परामर्श भी दिया जा रहा है। इस वजह से गर्भवती महिलाएं चिकित्सालय में ही डिलीवरी करवाना पंसद कर रही है। सरकारी चिकित्सालय में सिजेरियन ऑपरेशन की भी सुविधा है तथा दक्ष चिकित्सक होने की वजह से निजी की बजाए सरकारी चिकित्सालय में डिलीवरी बढ़ रही है।
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बढ़ा है चिकित्सालयों के प्रति विश्वास

श्रीगंगानगर जिले में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सरकारी चिकित्सालयों में अधिक हो रही है। गर्भवती महिलाओं में संस्थागत प्रसव के प्रति विश्वास बढ़ा है।-डॉ.मुकेश मेहता,डिप्टी सीएमएचओ, श्रीगंगानगर

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