जर्जर हो रहे इस मनोरंजन स्थल को हालात देखकर इंदिरा वाटिका में घूमने आने वाले लोग भी हैरानगी जता रहे है। करीब बीस साल पहले इंदिरा वाटिका में बाल नौकायान सरोवर के नाम से किया गया था। बच्चों को नौकायान का आंनद देने के लिए बॉटिंग भी शुरू हुई।
यह वाटिका तब नगर विकास न्यास के अधीन थी और न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष और मौजूदा विधायक राजकुमार गौड़ ने शहर में यह अनूठी योजना शुरू कराई। वहां नाव चलने के लिए एक ठेका फर्म को ठेका दिया था। लेकिन ठेका फर्म ने बिना कारण इसे बंद कर दिया था। इसके बाद यह सरोवर बिना पानी से सूख चुका है।
वहां लगी ईटों को भी लोग उखाडऩे लगे है। यहां तक कि सरोवर के तल पर घास और झाडि़यां उग आई है। यह सरोवर अब जर्जर होने लगा है। लोगों का मानना है कि इस नौकायान की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएं तो बच्चों के लिए यह मनोरंजन का स्थल पर्यटन के रूप में विकसित हो सकता है।
इस बीच चक तीन ई छोटी निवासी अनिच्छा कौर का कहना है कि बाल नौकायान सरोवर के बहाने बच्चे अपने घर से बाहर निकलकर इंदिरा वाटिका की हरियाली को देख सकेंगे। कोरोनाकाल में शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कारण पिछले सवा साल से बच्चों के मनोरंजन के कार्यक्रम नहीं हो रहे है। इसे ध्यान में रखते हुए इंदिरा वाटिका में नौकायान सरोवर फिर से शुरू हो जाएं तो उत्तम रहेगा।
महाराजा अग्रसेन युवा समिति अध्यक्ष संदीप शेरेवाला के अनुसार यह सही है कि कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा परेशान बच्चे हुए है। इलाके में बाल नौकायान सरोवर बनाया भी गया था लेकिन अब यह अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहा है।
महाराजा अग्रसेन युवा समिति अध्यक्ष संदीप शेरेवाला के अनुसार यह सही है कि कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा परेशान बच्चे हुए है। इलाके में बाल नौकायान सरोवर बनाया भी गया था लेकिन अब यह अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहा है।
उम्मीद है कि जिला प्रशासन और नगर परिषद प्रशासन इस सरोवर को फिर से शुरू कर बच्चों के सपने को साकार कर सकेंगे। कर्मचारी नेता कुलदीप सिंह केपी का कहना है कि बीस साल पहले नगर विकास न्यास प्रशासन ने लाखों रुपए का बजट खर्च इस सरोवर का निर्माण कराया था। तब सीएम गहलोत ने इसका लोकार्पण भी किया था लेकिन इसकी अनदेखी की गई।
अब भी सीएम गहलोत है और यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष राजकुमार गौड़ अब विधायक बन गए है। अब तो यह सरोवर फिर से शुरू होना चाहिए। इधर, पूजा कॉलोनी निवासी राकेश जोशी के अनुसार लाखों रुपए का बजट खर्च बाल नौकायान सरोवर की शुरुआत की गई थी। पिछले उन्नीस साल से यह सरोवर बंद है।
यहां तक कि पानी डालकर भी इसे भव्य रूप दिया जाना चाहिए था लेकिन जिम्मेदार अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने वोट बैँक के नाम पर बजट खर्च किया। अब तो बच्चों के लिए यह तो काम शुरू कर दो।