श्री गंगानगर

हाईकोर्ट का आदेश: रिक्त पद घोषित कर बनाओ नई सूची और दो महीने के भीतर करो नियुक्तियां

High Court order: Make a new list by declaring vacant posts and make appointments within two months- वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 का मामला, कई लोगों ने दायर की थी याचिका.

श्री गंगानगरJul 17, 2021 / 09:02 pm

surender ojha

हाईकोर्ट का आदेश: रिक्त पद घोषित कर बनाओ नई सूची और दो महीने के भीतर करो नियुक्तियां

श्रीगंगानगर. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग के समक्ष पेश की गई परिवेदनाओं पर एक्शन नहीं होने पर अब दो माह के भीतर रिक्त हुए पदों को फिर से रिक्त पद घोषित कर नई प्रतीक्षा सूची बनाकर पात्रता रखने वाले अभ्यार्थियों को नियुक्तियां करने का आदेश किया है।
दरअसल आरपीएससी ने व्याख्याता स्कूल और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती के परिणाम दस दिन के अंतराल में जारी किए थे। एेसे में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती में चयनित कई लोगों ने अपने पद से त्यागपत्र देकर व्याख्याता भर्ती में ज्वाइनिंग कर ली थी।
इस कारण वरिष्ठ अध्यापक के खाली पदों की संख्या करीब १३०० तक पहुंच गई। वहीं मैरिट सूची में कम अंक लाने वाले अभ्यार्थियों ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में रिक्त पद को लेकर दुबारा रिक्त पद घोषित कर प्रतीक्षा सूची नए सिरे से बनाने के लिए राज्य सरकार और आरपीएससी के समक्ष परिवेदनाएं पेश की लेकिन वहां कोई कार्रवाई नही हुई तो इन अभ्यार्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट की शरण ली।
इस मामले में भादरा के गांव भोजासर निवासी कुलदीप सिंह महला, गोलूवाला निवासी प्रकाश सिहाग, चूरू, नागौर, बाड़मेर, राजसमंद, दौसा, जयपुर आदि जिलों के करीब एक दर्जन से अधिक अभ्यार्थियों की ओर से दायर याचिकाओं में बताया कि इस भती परीक्षा मेंं चयन होने के आधार पर त्यागपत्र देने से रिक्त हुए लगभग 1300 पदों को प्रतीक्षा सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग को पेश की गई परिवेदनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
हाईकोर्ट ने दो माह के भीतर उच्च न्यायालय की खंडपीठ के पूर्व के जारी आदेश जिसमें अभ्यार्थियों द्वारा चयनित पद पर कार्यग्रहण नहीं करने, कार्यग्रहण के बाद त्याग पत्र देने और अन्य किसी कारण से रिक्त होने वाले पदों को उस संबंधित भर्ती के रिक्त पद घोषित करने के बाद ही प्रतीक्षा सूची जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश जारी किए है।
याचिकाकर्ताओं महला व सिहाग के अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 2018 में वरिष्ठ अध्यापक और व्याख्याता स्कूल शिक्षा के पदों के लिए अलग अलग विज्ञापन जारी किए गए थे।
याचिकाकर्ताओं ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 में आवेदन किया था। आरपीएससी की लिखित परीक्षा के बाद अंतिम चयन सूची जारी की थी। इसमें इन अभ्यार्थियों के कट ऑफ से कम अंक होने के आधार पर चयन नहीं हुआ। लेकिन आयोग द्वारा आरक्षित सूची में इन दोनों अभ्यार्थियों को शामिल किया।
अधिवक्ता यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार किसी भी भर्ती में नियुक्ति आदेश जारी किए जाने के बाद कार्यग्रहण नहीं किए जाने से रिक्त रहे पदों के भरने के लिए एक साल की समय अवधि में प्रतीक्षा सूची किया जाना अनिवार्य है।
इसके आधार पर खाली रहे पदों की मेरिट सूची के अनुसार भरा जाता है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में भी कार्यग्रहण नहीं करने के आधार पर लगभग 600 पद रिक्त रह गए। लेकिन प्रतीक्षा सूची अब तक जारी नहीं हुई। लेकिन इस भर्ती के साथ साथ व्याख्याता भर्ती आने के कारण करीब 1300 अभ्यार्थियों ने चयन के छह माह के भीतर ही वरिष्ठ अध्यापक पदों से त्यागपत्र देकर व्याख्याता पदों पर कार्यग्रहण कर लिया है।
इस मामले को लेकर वंचित रहे अभ्यार्थियों ने राज्य सरकार, माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक और राजस्थान लोक सेवा आयोग से गुहार लगाई कि त्यागपत्र से खाली हुए पदों को भी प्रतीक्षा सूची में शामिल कर रिक्त पद घोषित कर नई प्रतीक्षा सूची जारी करें लेकिन राज्य सरकार ने मौखिक रूप से कह दिया कि इन पदों को निरस्त कर आगामी भर्ती में जोड़कर पदों को भरा जाएगा।

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